ट्रेन टिकट से नही बल्कि इस काम से रेल्वे करता है तगड़ी कमाई, होशियार लोगों को भी नही होती है इसकी जानकारी

भारतीय रेलवे को अक्सर देश की जीवन रेखा कहा जाता है, क्योंकि यह हर दिन करोड़ों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाती है। यह न केवल देश की आंतरिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण साधन है बल्कि यह देश के आर्थिक विकास में भी एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। इसके अलावा भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है जो इसकी विशालता और महत्व को दर्शाता है।

 

भारतीय रेलवे को अक्सर देश की जीवन रेखा कहा जाता है, क्योंकि यह हर दिन करोड़ों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाती है। यह न केवल देश की आंतरिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण साधन है बल्कि यह देश के आर्थिक विकास में भी एक केंद्रीय भूमिका निभाता है। इसके अलावा भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है जो इसकी विशालता और महत्व को दर्शाता है।

रेलवे की आय के मुख्य स्रोत

हालांकि यात्री टिकटों से होने वाली आय काफी होती है, पर मुख्य रूप से भारतीय रेलवे की कमाई माल ढुलाई से होती है। यह आय का एक प्रमुख स्रोत है जिसमें रेलवे कई प्रकार के सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाती है। पहली तिमाही के आंकड़े बताते हैं कि रेलवे ने हजारों करोड़ रुपये की आय माल ढुलाई से अर्जित की है।

माल ढुलाई के ताजा आंकड़े

इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में रेलवे ने लगभग 75.82 करोड़ टन माल की ढुलाई की जो पिछले वर्ष के 73.66 करोड़ टन से अधिक है। इसमें 2.15 करोड़ टन की बढ़ोतरी हुई है जो रेलवे की दक्षता और विस्तार को दर्शाती है।

रेलवे की आय में बढ़ोतरी 

रेलवे मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से सितंबर तक की अवधि में रेलवे ने 81,697 करोड़ रुपये की आय अर्जित की जो पिछले वर्ष की तुलना में 2,706 करोड़ रुपये अधिक है। इस बढ़ती हुई आय में माल ढुलाई का बड़ा हाथ है।

यह भी पढ़ें; कार की विंडशील्ड पर काले डॉट्स किसी डिजाइन के लिए नही बल्कि इस काम के लिए बनाए जाते है, होशियार लोग भी नही जानते ये जानकारी

सितंबर महीने की माल ढुलाई विस्तार

सितंबर महीने में, रेलवे ने 12.35 करोड़ टन माल की ढुलाई की, जो कि पिछले वर्ष के 11.58 करोड़ टन से अधिक है। इस महीने की ढुलाई में मुख्य रूप से कोयला, तैयार इस्पात, सीमेंट, लौह अयस्क, खाद्यान्न और उर्वरक शामिल हैं, जिसमें कोयले की ढुलाई सबसे अधिक थी।