गरीब रेल यात्रियों को सस्ते में पूड़ी और सब्जी दे रहा है रेलवे, जाने कैसे मिलेगा सस्ता खाना

रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक नई पहल की घोषणा की है जिसके अंतर्गत जनरल कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब मात्र 20 रुपये में पूड़ी-सब्जी का पैकेट उपलब्ध कराया जाएगा।
 

रेल मंत्रालय ने हाल ही में एक नई पहल की घोषणा की है जिसके अंतर्गत जनरल कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब मात्र 20 रुपये में पूड़ी-सब्जी का पैकेट उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि आम आदमी भी अपनी यात्रा के दौरान सस्ते में पेट भर खाना खा सके।

इस पहल को फिलहाल कुछ चुनिंदा स्थानों पर ट्रायल के रूप में शुरू किया गया है और यदि यह सफल रहती है तो इसे अन्य स्थानों पर भी लागू किया जाएगा। इस पूरी घटना से यह साफ होता है कि भले ही रेलवे ने गरीब यात्रियों के लिए सस्ते में भोजन उपलब्ध कराने की एक अच्छी पहल की हो लेकिन इसके क्रियान्वयन में जो विसंगतियां सामने आ रही हैं उन्हें दूर करने की आवश्यकता है।

ये भी पढ़िए :- इस देश में बहती है दुनिया कि सबसे पतली नदी, खड़े होकर कूदेंगे तो भी कर लेंगे पार

पूड़ी-सब्जी पैकेट की सामग्री और कीमत

इस पूड़ी-सब्जी पैकेट में शामिल है सात पूड़ी (175 ग्राम) आलू की सूखी सब्जी (150 ग्राम) और अचार (12 ग्राम)। इस संपूर्ण पैकेट की कीमत केवल 20 रुपये रखी गई है जो कि आम यात्री के लिए काफी वाजिब है। यह पैकेट जनरल कोच के निकट स्थित स्टॉल पर उपलब्ध होगा ताकि यात्रियों को इसे खरीदने में असुविधा न हो।

अधिक कीमत वसूलने का आरोप

हालांकि अखिल भारतीय रेलवे खानपान लाइसेंसीज वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता का कहना है कि इस नई योजना के तहत गरीब यात्रियों से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं। उनका आरोप है कि आईआरसीटीसी ने स्टेशनों पर जो रेट तय किया है।

वह 2019 के कमर्शियल सर्कुलर के मुताबिक ज्यादा है। जबकि रेलवे स्टॉल पर यही पूड़ी-सब्जी 15 रुपये में मिल रही है वहीं आईआरसीटीसी इसे 20 रुपये में बेच रही है।

ये भी पढ़िए :- खाया तो बहुत बार होगा पर अब देख लीजिए की गन्ने के जूस से कैसे बनता है गुड, बनाने का तरीका बहुत कम लोगों को होता है पता

जांच और कार्रवाई की मांग

रविंद्र गुप्ता ने यह भी बताया कि अगर कोई लाइसेंसी वेंडर इसे अधिक दाम पर बेचता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है लेकिन जब आईआरसीटीसी के वेंडर यही करते हैं तो कोई कार्रवाई नहीं होती। इससे गरीब यात्रियों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने रेलवे मंत्रालय से इस मामले की जांच करने और जरूरी कार्रवाई करने की मांग की है।