राजस्थान के इन 2 जिलों से हट सकता है पुलिस जिला का दर्जा, जाने क्या है वजह
राजस्थान सरकार की ओर से गठित 17 नए जिलों में से दूदू और खैरथल-तिजारा को पुलिस ने अव्यवहारिक माना है। पुलिस मुख्यालय ने सरकार को इन दोनों जिलों से पुलिस जिले का दर्जा हटाने की सिफारिश की है। गृह विभाग अभी इस मामले में अंतिम निर्णय लेने की प्रक्रिया में है।
राजस्थान में पुलिस जिलों के पुनर्गठन की यह प्रक्रिया न केवल पुलिस प्रशासन में व्यवहारिकता और कार्यक्षमता को मजबूत करने का एक प्रयास है बल्कि यह सरकार की उस दृष्टि का भी परीक्षण है जिसके तहत ये नए जिले गठित किए गए थे। आने वाले समय में इसके परिणाम सामने आएंगे।
पुलिस जिलों की व्यवहारिकता पर सवाल
सरकार ने पुलिस से विशेष रूप से दूदू और खैरथल-तिजारा जिलों के संदर्भ में टिप्पणी मांगी थी। पुलिस ने अपनी राय में बताया कि दूदू जिले में मात्र तीन थाने हैं और इस क्षेत्र में अपराध की संख्या भी अपेक्षाकृत कम है। इसलिए पुलिस जिले के लिए आवश्यक भारी बंदोबस्त यहाँ उचित नहीं है।
खैरथल-तिजारा के पुनर्गठन पर विचार
खैरथल-तिजारा के संदर्भ में पुलिस का कहना है कि पहले से ही भिवाड़ी पुलिस जिला इस क्षेत्र को कवर करता है और अपराध पंजीकरण के हिसाब से भिवाड़ी एक बड़ा जिला है। इसलिए खैरथल-तिजारा को पुलिस जिला बनाना जनसंख्या आबादी और अपराध के दृष्टिकोण से व्यवहारिक नहीं है।
आधारभूत संरचनाओं पर उठे प्रश्न
इन दोनों जिलों में पुलिस अधीक्षक कार्यालय और उनके आवास निजी संस्थानों और फार्म हाउसों में चल रहे हैं जो किराए पर लिए गए हैं। इससे पुलिस जिलों की आधारभूत संरचना पर प्रश्न उठते हैं।
पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति पर चर्चा
पुलिस मुख्यालय में यह चर्चा भी है कि दूदू और खैरथल जैसे जिलों में आईपीएस अधिकारी अपनी पोस्टिंग नहीं चाहते। इसके चलते सरकार ने पहले ही इन दोनों जिलों से एसपी को हटा दिया था और उनके जिम्मे अन्य जिलों के एसपी को दे दिया गया था।
अंतिम निर्णय का इंतजार
गृह विभाग ने पुलिस मुख्यालय की सिफारिश पर विचार करते हुए जवाब दिया कि सभी नए रेवन्यू जिलों की समीक्षा की जा रही है और उसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। इसलिए दूदू और खैरथल-तिजारा जिलों के भविष्य पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।