ऐसी नदियां जो निकलती तो भारत से है पर पानी जाता है पाकिस्तान, जरुर पता होने चाहिए ये नाम
भारत एक ऐसा देश है जहां की नदियों को न केवल जीवन का स्रोत माना जाता है बल्कि इन्हें पवित्र भी समझा जाता है। ये नदियां न केवल भारत के भूगोल को सींचती हैं बल्कि ये धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के बीच भी एक पुल का काम करती हैं। ये नदियां न केवल जल स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण हैं।
बल्कि ये सामाजिक और आर्थिक जीवन के लिए भी केंद्रीय भूमिका निभाती हैं। इनके संरक्षण और समझदारी से उपयोग की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इन पर आधारित विवादों को कम किया जा सके और सभी के लिए न्यायसंगत जल वितरण सुनिश्चित हो सके।
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भारत से पाकिस्तान तक बहने वाली मुख्य नदियां
ऐसी कई नदियां हैं जो भारत से निकलकर पाकिस्तान की ओर बहती हैं। इनमें प्रमुख हैं सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी और सतलज। ये नदियां न केवल प्राकृतिक संसाधनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं बल्कि इन्होंने दो देशों के बीच जल विवादों को भी जन्म दिया है।
सिंधु नदी एशिया की जीवनरेखा
सिंधु नदी जो कि एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है भारत के जम्मू और कश्मीर से होकर पाकिस्तान में प्रवेश करती है और अंततः अरब सागर में मिल जाती है। इस नदी की कुल लंबाई 3610 किलोमीटर है।
झेलम और चिनाब
झेलम नदी जो कि अंनतनाग जिले से निकलती है की कुल लंबाई 725 किलोमीटर है और यह पाकिस्तान में चिनाब नदी में मिल जाती है। चिनाब नदी जो हिमाचल प्रदेश से निकलती है जम्मू होते हुए पाकिस्तान के पंजाब में पहुंचती है और इसकी कुल लंबाई 960 किलोमीटर है।
रावी और सतलज
रावी नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश में होता है और यह 720 किलोमीटर की यात्रा कर पाकिस्तान में चिनाब नदी में मिलती है। इसके अलावा सतलज नदी जिसकी लंबाई 1457 किलोमीटर है भी भारत से निकलकर पाकिस्तान में बहती है। इन नदियों पर विवाद खासकर जल वितरण और बांध निर्माण को लेकर हैं।
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सिंधु जल संधि
1960 में हुई सिंधु जल संधि के तहत भारत और पाकिस्तान ने इन नदियों के जल के बंटवारे का नियमन किया था। इस संधि के अनुसार भारत को नदियों के 20 प्रतिशत जल का उपयोग करने का अधिकार है जबकि 80 प्रतिशत जल पाकिस्तान को आवंटित है।