इस हिल स्टेशन की खूबसूरती को देखकर तो भूल जाएंगे शिमला-मनाली, पहाड़ों के बीच आएगी जन्नत जैसी फीलिंग

भारत अपने विविधतापूर्ण परिदृश्य और ऐतिहासिक स्थलों के लिए विख्यात है। विशेषकर गर्मियों के मौसम में ठंडक और सर्दियों में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए लोग अक्सर हिल स्टेशनों का रुख करते हैं। जहां शिमला और मनाली जैसे स्थान लोकप्रिय हैं वहीं हिमाचल प्रदेश में स्थित चैल अपनी अनोखा सुंदरता के लिए पर्यटकों का ध्यान खींचता है।
 

भारत अपने विविधतापूर्ण परिदृश्य और ऐतिहासिक स्थलों के लिए विख्यात है। विशेषकर गर्मियों के मौसम में ठंडक और सर्दियों में बर्फबारी का आनंद लेने के लिए लोग अक्सर हिल स्टेशनों का रुख करते हैं। जहां शिमला और मनाली जैसे स्थान लोकप्रिय हैं वहीं हिमाचल प्रदेश में स्थित चैल अपनी अनोखा सुंदरता के लिए पर्यटकों का ध्यान खींचता है। चैल शिमला से थोड़ा दूर स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य के मामले में उससे कहीं अधिक मनमोहक है।

इतिहास और महत्व

चैल की खोज और विकास की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। 1893 में महाराज भूपिंदर सिंह के द्वारा इसकी खोज की गई थी जब उन्हें शिमला से निकाला गया था। महाराज ने चैल को अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी के रूप में चुना और यहां एक भव्य महल का निर्माण करवाया जो आज भी पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। इस महल की वास्तुकला अत्यंत प्रभावशाली है और इतिहास प्रेमियों को बहुत भाती है।

चैल में प्राकृतिक और खेलकूद की गतिविधियां

चैल अपनी विभिन्न गतिविधियों के लिए भी जाना जाता है। यहां ट्रैकिंग, कैंपिंग, और घुड़सवारी जैसे आउटडोर एडवेंचर के शौकीनों के लिए बहुत कुछ है। विश्व का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड भी यहीं पर है जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 2444 मीटर है। यहां पर क्रिकेट के अलावा पोलो खेल के मैच भी आयोजित किए जाते हैं, जो खेल प्रेमियों के लिए बेहद रोमांचक होते हैं।

आकर्षण के मुख्य स्थल

चैल की सैर पर निकलने वाले पर्यटक यहां के सिद्ध बाबा का मंदिर, चैल पैलेस, और काली का टिब्बा जैसे स्थानों का भी भ्रमण कर सकते हैं। ये स्थल न केवल धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं बल्कि यहां से दिखने वाले नजारे भी अत्यंत लुभावने होते हैं।