राम मंदिर बनाने के लिए अभी तक खर्च हो गई 900 करोड़ की राशि, जाने मंदिर ट्रस्ट के खाते मे कितने बचे है बाकी रुपये

श्री राम जन्मभूमि को लेकर देश में हमेशा चर्चा चलती रहती है। आपको बता दे कि इस मंदिर के निर्माण में 5 फरवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2023 तक में 90 करोड रुपए का खर्च किया जा चुका है। 

 

श्री राम जन्मभूमि को लेकर देश में हमेशा चर्चा चलती रहती है। आपको बता दे कि इस मंदिर के निर्माण में 5 फरवरी 2020 से लेकर 31 मार्च 2023 तक में 90 करोड रुपए का खर्च किया जा चुका है। वहीं अब ट्रस्ट के बैंक खातों में 3000 करोड रुपए बचे हुए हैं। अधिकारियों ने भी यह जानकारी दी है कि अधिकारियों की तीन घंटे तक बैठक चली।

 जिसमें ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा है कि मंदिर का निर्माण 5 फरवरी 2020 से 31 मार्च 2023 तक किया गया है जिसमें बहुत खर्चा हो चुका है। इतना ही नहीं विदेशी मुद्रा में दान लेने की कानूनी प्रक्रिया और आठ बिंदुओं पर भी चर्चा हुई। दरअसल विदेशी अंशदान के तहत आवेदन भी किया गया है। इतना ही नहीं सरयू तट पर स्थित राम कथा संग्रहालय एक कानूनी ट्रस्ट होगा।

लोगों के घर पहुंचेंगे राम

आपको बता दे कि ट्रस्ट ने लोगों से यह भी अपील की है कि सूर्यास्त के समय में नागरिक अपने-अपने घरों में दीपक जलाएं। वही राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने नृपेंद्र मिश्रा ने यह भी बताया है कि 22 जनवरी को पीएम मोदी द्वारा देशभर के करीब 10000 लोगों के शामिल होने की उम्मीद जताई गई है। 

राम जन्मभूमि पर आने वाले प्रत्येक का घनत्व को प्रसाद के साथ भगवान राम की तस्वीर भी दी जाएगी। वहीं विराजमान भगवान राम की तस्वीर 2 साल के भीतर 10 करोड़ घरों तक पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं राय ने यह भी कहा है कि 15 जनवरी तक भारत के 5 लाख गांव में पूजित अक्षत किया हुआ चावल बांटा जाएगा।

हर मंदिर में होगी राम की पूजा

आपको बता दे की राय ने यह भी कहा है कि कई मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभिषेक समारोह से पहले भगवान राम के सामने चावलों की पूजा की जाएगी और पूजित चावलों को पूरे भारत में वितरित किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि पूरे भारत में 50 केंद्रों से कार्यकर्ता अक्षत को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठा समारोह के लिए एक धार्मिक समिति का गठन किया गया है। राय ने कहा कि मंदिर तीन चरणों में पूरा होगा और अंतिम निर्माण जनवरी 2025 तक होगा।