Solar Expressway: UP का ये अनोखा एक्सप्रेसवे देश का पहला सौलर एक्सप्रेसवे, लाखों लोगों के घरों को मिलेगी बिजली

भारत में तेजी से विकास पथ पर अग्रसर उत्तर प्रदेश ने अपने यातायात और परिवहन के ढांचे को नया आकार देने के लिए विभिन्न एक्सप्रेसवे निर्माण की परियोजनाएं शुरू की हैं।
 

भारत में तेजी से विकास पथ पर अग्रसर उत्तर प्रदेश ने अपने यातायात और परिवहन के ढांचे को नया आकार देने के लिए विभिन्न एक्सप्रेसवे निर्माण की परियोजनाएं शुरू की हैं। इनमें से एक मुख्य परियोजना है बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे जिसकी विशेषता इसके सोलर इंटीग्रेशन में निहित है। इस परियोजना के जरिए न केवल परिवहन की सुगमता होगी बल्कि यह सौर ऊर्जा का भी एक बड़ा स्रोत बनने वाला है।

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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की खासियत

यूपीडा द्वारा विकसित किए जा रहे इस 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे की खासियत इसके दोनों किनारों पर लगाए जाने वाले सोलर पैनल हैं। यह देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे कहलाएगा जिसकी क्षमता से लगभग एक लाख घरों को बिजली की सप्लाई संभव हो पाएगी। इसके लिए की गई भूमि अधिग्रहण और सोलर पॉवर डेवलपर्स की भागीदारी इस परियोजना की सफलता की कुंजी हैं।

PPP मॉडल के तहत विकास

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत इस एक्सप्रेसवे पर लगने वाले सोलर प्लांट्स से 550 मेगावॉट सोलर पॉवर की उत्पादन क्षमता स्थापित की जाएगी। इस विशाल सोलर ऊर्जा क्षमता का निर्माण बुंदेलखंड जैसे सूखा प्रभावित क्षेत्र में नई ऊर्जा और विकास की लहर ला सकता है।

एक्सप्रेसवे की विशेषताएँ और सुविधाएँ

इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। आपातकालीन दुर्घटना के समय त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए नियमित रूप से पुलिस पेट्रोलिंग और एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध होंगी।

टोल टैक्स की दरें भी इस एक्सप्रेसवे की गुणवत्ता और सुविधाओं के अनुसार निर्धारित की गई हैं जो वाहन चालकों के लिए आर्थिक रूप से सुलभ होंगी।

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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एक औद्योगिक मील का पत्थर

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से न केवल परिवहन की सुविधा बढ़ेगी बल्कि यह औद्योगिक विकास के नए अवसर भी प्रदान करेगा। यूपीडा ने इस एक्सप्रेसवे के किनारे दो महत्वपूर्ण औद्योगिक कॉरिडोरों की योजना बनाई है जो इस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक ढांचे को नई ऊँचाई पर ले जाने में सहायक होंगे।