भारत के इस राज्य में सबसे लास्ट में होता है सूर्यास्त, वजह तो आपको भी जरुर पता होनी चाहिए

भारत अपनी भौगोलिक विविधताओं के लिए जाना जाता है जहां एक ओर कठोर गर्मी में रेगिस्तान सिकुड़ जाते हैं वहीं दूसरी ओर बर्फीले पहाड़ ठंड के मारे कांप उठते हैं।
 

भारत अपनी भौगोलिक विविधताओं के लिए जाना जाता है जहां एक ओर कठोर गर्मी में रेगिस्तान सिकुड़ जाते हैं वहीं दूसरी ओर बर्फीले पहाड़ ठंड के मारे कांप उठते हैं। इसी भिन्नता में भारत में सूर्योदय और सूर्यास्त का अनोखा खेल भी शामिल है। अरुणाचल प्रदेश में देवांग घाटी जिसे डोंग वैली भी कहा जाता है वहां सुबह के 4:30 बजे ही सूरज की पहली किरण दिखाई देने लगती है जो भारतीय समयानुसार सबसे पहले सूर्योदय का समय है।

देश में सबसे देरी से होने वाला सूर्यास्त

जितना अद्भुत सूर्योदय है उतनी ही रोचक है सूर्यास्त की कहानी। अरुणाचल प्रदेश जहां दिन का आगाज होता है वहीं गुजरात का गुहार मोती वह स्थान है जहां सूरज सबसे अंत में अस्त होता है। गुजरात जो भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी छोर पर स्थित है वहां जून के महीने में शाम 7:39 बजे तक सूरज नजर आता है। इस विलंबित सूर्यास्त का नजारा अपने आप में बेहद मनमोहक और आकर्षक होता है।

सूर्योदय और सूर्यास्त की इस अद्भुत विशेषता का महत्व

इन भौगोलिक घटनाओं की जानकारी न केवल पर्यटकों के लिए दिलचस्प होती है बल्कि इससे जुड़े विज्ञानी पहलू भी शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त का समय वहां की अक्षांशीय स्थिति दिन-रात की लंबाई और मौसमी परिवर्तनों पर निर्भर करता है। इस प्रकार की जानकारी भौगोलिक और पर्यावरणीय अध्ययनों में भी उपयोगी होती है।