जाने किन जगहों पर खोली जा सकती है शराब की दुकानें, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए नए दिशानिर्देश

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर नशे में गाड़ी चलाने की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं (Accidents) एक गंभीर समस्या हैं। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजमार्गों, धार्मिक स्थलों...
 

भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) पर नशे में गाड़ी चलाने की वजह से होने वाली दुर्घटनाएं (Accidents) एक गंभीर समस्या हैं। इसे देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजमार्गों, धार्मिक स्थलों (Religious Places) और शैक्षणिक संस्थानों (Educational Institutions) के आस-पास शराब की दुकानों (Liquor Shops) पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर कई मुकदमेबाजी (Litigations) का सामना किया है। 

सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के आस-पास की जगहों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाकर, सड़क सुरक्षा और जनस्वास्थ्य की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे देश में शराब से संबंधित दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है और एक स्वस्थ समाज की नींव रखी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

दिसंबर 2016 से ही सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर विभिन्न फैसले (Decisions) दे चुका है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice D.Y. Chandrachud), न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला (Justice J.B. Pardiwala) और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की पीठ के समक्ष कई याचिकाएं आईं, जिनमें सुप्रीम कोर्ट के पुराने आदेशों के विरोध में तर्क दिया गया।

प्रतिबंध के पीछे का तर्क

लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानों के मालिकों ने वरिष्ठ वकील पीबी सुरेश (Senior Advocate P.B. Suresh) और वकील विपिन नायर (Advocate Vipin Nair) के माध्यम से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी (Attorney General R. Venkataramani) के समर्थन में तर्क दिया कि पुदुचेरी (Puducherry) जैसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश में 500 मीटर की दूरी वाला नियम लागू करने से पूरे क्षेत्र में शराब की दुकानें नहीं होंगी।

अस्पष्टताओं का समाधान

सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी के अपने आदेश में कहा कि राष्ट्रीय या राज्य राजमार्ग (State Highways) के बाहरी किनारे या सर्विस लेन के 500 मीटर के भीतर कोई भी शराब की दुकान नहीं हो सकती है। यदि शहर की जनसंख्या (Population) 20,000 से कम है तो यह दूरी 220 मीटर तक घटाई जा सकती है।

सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता

यह निर्णय सड़क सुरक्षा (Road Safety) और जनस्वास्थ्य (Public Health) को प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। राजमार्गों के पास शराब की दुकानें होने से नशे में ड्राइविंग (Drunk Driving) और दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है, जिससे सड़क पर यात्रा करने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा प्रभावित होती है।