आगरा ही नही बल्कि राजस्थान में भी बना हुआ है ताजमहल, केवल 3 लाख के खर्चे में हो गया था एकदम तैयार

राजस्थान में आपने कई ऐतिहासिक स्मारकों को देखा होगा; कुछ अपने भव्य महलों के लिए प्रसिद्ध हैं, तो दूसरे प्राचीन कहानियों के लिए प्रसिद्ध हैं। खूबसूरती के मामले में यकीनन राजस्थान का कोई मुकाबला नहीं।
 

राजस्थान में आपने कई ऐतिहासिक स्मारकों को देखा होगा; कुछ अपने भव्य महलों के लिए प्रसिद्ध हैं, तो दूसरे प्राचीन कहानियों के लिए प्रसिद्ध हैं। खूबसूरती के मामले में यकीनन राजस्थान का कोई मुकाबला नहीं। इसी लिस्ट में शामिल है जोधपुर शहर, जिसे ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है।

दरअसल ये जगह अपने संगमरमर से बने स्मारक के लिए फेमस है। और कोई ऐसा वैसा स्मारक नहीं बल्कि ताजमहल के लिए बहुत लोकप्रिय स्मारक। हालांकि यह सुनने के बाद शायद आपको विश्वास नहीं होगा।

लेकिन ये सच है इसे मेवाड़ का ताजमहल कहा जाता हैं। झील और हरे-भरे पेड़ों से घिरा ये आकर्षण जोधपुर आने वाले पर्यटकों के बीच काफी पसंद किया जाता है। चलिए आज हम आपको इस ताजमहल के बारे में पूरी डिटेल से जानकारी देते हैं।

क्यों कहते हैं इसे मेवाड़ का ताजमहल

जसवंत थड़ा को मेवाड़ का ताजमहल कहते हैं, क्योंकि इसके निर्माण में शुद्ध संगमरमर का उपयोग किया गया था। लेकिन अगर इसकी तुलना आगरा के ताजमहल से करें, तो राजस्थान का राजमहल आगरा के ताजमहल से एकदम अलग है।

जसवंत थड़ा में भी आपको छोटे-छोटे गुंबद देखने को मिल जाएंगे। ये नाम यहां के महाराजा जशवंत सिंह द्वितीय द्वारा रखा गया था। बता दें, स्मारक निर्माण उनके बेटे महाराजा सदर सिंह द्वारा वर्ष 1899 में करवाया गया था, उस दौरान इसका खर्च 2 लाख 84 हजार के करीब आया था।

स्मारक के अंदर आपको मेवाड़ के समय के राजाओं की तस्वीरें मिल जाएंगी। इस स्मारक में ना केवल सफेद मार्बल का इस्तेमाल हुआ है, बल्कि यहां आपको लाल रंग के मार्बल भी दिख जाएंगे, जो इस स्मारक को एक अलग रूप देते हैं।

राजस्थानी संरचनाओं को देख सकते हैं

इस ऐतिहासिक स्मारक की सीढ़ियों पर स्थानीय लोक-संगीत कलाकर स्वागत करते हुए दिख जाएंगे। कुछ राजस्थानी कलाकर भी पर्यटकों का आदर-सत्कार बड़े ही अच्छे ढंग से करते हैं। स्मारक का अंदर का भाग भी खूबसूरत नक्काशी और कलाकृतियों से सजाया हुआ है।

स्मारक के आसपास बने महराब और स्तंभ पर्यटकों को काफी ज्यादा आकर्षित करते हैं। इसके अंदर आप कुछ चित्रकारी भी देख सकते हैं, जो शुरुआत शासकों द्वारा की गई थीं। दूर से दिखाई देते गुंबद मुगल वास्तुकला से प्रभावित हैं।

क्या है यहां देखने लायक

स्मारक की वास्तुकला बहुत ही बेहतरीन है, पर्यटक के रूप में आप यहां आकर्षक नक्काशियां देख सकते हैं, संरचना के पास बनी झील देख सकते हैं, स्मारक परिसर को इतिहास से जुड़ी कई कहानियों से रूप में समझ सकते हैं। परिसर में एक बड़ा लॉन है।

यहां आप थोड़ी देर बैठकर इस खूबसूरत संरचना को निहार सकते हैं। स्मारक के पास एक श्मशान भी है, जहां राज परिवार के लोगों का अंतिम संस्कार हुआ करता था। यहां जली हुई लकड़ियों के अवशेष देख सकते हैं।

कैसे पहुंच सकते हैं यहां

जोधपुर राजस्थान का बड़ा शहर है, यहां तक आप तीनों परिवहन से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का पास का हवाई अड्डा जोधपुर एयरपोर्ट है। रेल के रास्ते के लिए आप जोधपुर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। आप चाहें तो यहां सड़क से भी आ सकते हैं, बेहतर सड़क मार्गों से जोधपुर भारत के कई शहरों से अच्छे से कनेक्टेड है।