इस नस्ल की भैंस दूध देने के मामले में है सबसे आगे, कीमत सुनकर तो आ जाएगा चक्कर

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन भी जीविका का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसी क्रम में दुग्ध उत्पादन जिसे लाखों लोग अपनी आजीविका का माध्यम बनाते हैं बेहद महत्वपूर्ण है।
 

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां खेती-बाड़ी के साथ-साथ पशुपालन भी जीविका का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसी क्रम में दुग्ध उत्पादन जिसे लाखों लोग अपनी आजीविका का माध्यम बनाते हैं बेहद महत्वपूर्ण है। खासकर भैंस पालन जो दूध उत्पादन का एक प्रमुख स्रोत है। भारत में कई लोगों का शौक भी है।

आज हम ऐसी ही एक खास नस्ल की भैंस के बारे में चर्चा करेंगे, जिसकी कीमत सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इन भैंसों का पालन एक बड़ी पूंजी और देखभाल मांगता है, अपनी उच्च दूध उत्पादन क्षमता और अन्य आय उत्पन्न करने वाली गतिविधियों के कारण किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन जाता है। 

मुर्रा नस्ल की भैंस

मुर्रा भैंस जिसका नाम सुनते ही दूध उत्पादन के लिए इसकी उत्कृष्टता का भान होता है। राजस्थान में प्रतिवर्ष लगने वाले पुष्कर मेले में यह भैंस खास चर्चा में रहती है। वहां प्रदर्शित एक मुर्रा भैंस के आकार और वजन के आंकड़े सुनकर कोई भी चकित रह जाएगा।

मुर्रा भैंस की कीमती

मुर्रा भैंस की कीमत की बात करें तो इसकी बोली लाखों मे यहां तक कि करोड़ों रुपये में लगती है। इस भैंस को खरीदने की कीमत में आप एक बीएमडब्ल्यू कार खरीद सकते हैं। जिसकी कीमत भारत में 50 लाख रुपये से शुरू होती है। यह तथ्य इस भैंस की विशेषता और महत्व को दर्शाता है।

दुग्ध उत्पादन में मुर्रा भैंस का योगदान

मुर्रा भैंस, जो अपनी दूध देने की अद्भुत क्षमता के लिए प्रसिद्ध है, 20 से 25 लीटर दूध प्रतिदिन दे सकती है। यह सामान्य भैंस की तुलना में दोगुना या तिगुना अधिक है।

खानपान पर आने वाला खर्च

एक मुर्रा भैंस के रख-रखाव पर खर्च भी उसके आकार और दूध देने की क्षमता के अनुरूप होता है। पशुपालक बताते हैं कि इस पर प्रतिदिन 5 से 6 हजार रुपये तक का खर्च आता है। हालांकि मुर्रा भैंस पालन सिर्फ खर्चीला नहीं है बल्कि यह बड़ी कमाई का जरिया भी है। इसके स्पर्म को बेचकर पशुपालक अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं।

मुर्रा भैंस की उत्पत्ति

इस विशेष नस्ल का मूल स्थान उत्तर प्रदेश है, लेकिन अब यह हरियाणा, पंजाब, और राजस्थान समेत अनेक राज्यों में पाई जाती है। मुर्रा भैंस न केवल भारतीय कृषि और पशुपालन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण अंग है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देता है।