4 फीट से कम कद वाली इस अफसर के पीछे चलता है पूरा महकमा, समाज के तानों को बनाया होंसला और बन गई IAS अफसर

आरती डोगरा जिनका जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ आज राजस्थान कैडर की एक प्रतिष्ठित आईएएस अफसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनका कद भले ही साढ़े तीन फुट का हो लेकिन उनकी उपलब्धियाँ...
 

आरती डोगरा जिनका जन्म उत्तराखंड के देहरादून में हुआ आज राजस्थान कैडर की एक प्रतिष्ठित आईएएस अफसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनका कद भले ही साढ़े तीन फुट का हो लेकिन उनकी उपलब्धियाँ और समर्पण अनेकों के लिए एक विशाल प्रेरणा के रूप में उभरी हैं। उन्होंने न केवल अपने सपनों को साकार किया है बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कई पहल भी की हैं।

आरंभिक जीवन से लेकर आईएएस तक की यात्रा

आरती डोगरा के पिता कर्नल राजेंद्र डोगरा और मां कुमकुम डोगरा जो एक प्राइवेट स्कूल में प्रधानाध्यापिका रह चुकी हैं ने हमेशा उनका समर्थन किया। उनके माता-पिता ने उन्हें आम बच्चों की तरह पाला और उनके हर सपने में उनका साथ दिया।

आरती की शिक्षा देहरादून और दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई जहां उन्होंने न केवल अकादमिक उपलब्धियाँ हासिल कीं बल्कि अपने सपनों को भी पंख दिए।

चुनौतियों का सामना और विजय

आरती के लिए जीवन की राह आसान नहीं थी। उनके कद को लेकर समाज में भेदभाव और मजाक उड़ाया गया लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका मानना है कि सच्ची लगन और कठिन परिश्रम से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में आईएएस परीक्षा पास कर सभी को अपनी प्रतिभा और संकल्प का परिचय दिया।

आरती डोगरा ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसी पहल की हैं जिन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाया है। उनके द्वारा किए गए कार्यों में पानी की समस्या का समाधान स्वच्छता अभियान और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार शामिल हैं। उनके इन प्रयासों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने सराहा है।

प्रेरणा का स्रोत 

आरती डोगरा की कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की राह में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उनका जीवन यह सिखाता है कि अगर आप में जज्बा और दृढ़ संकल्प है तो कोई भी बाधा आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। आरती डोगरा ने सिद्ध किया है कि सच्ची मेहनत और लगन से किसी भी ऊंचाई को छुआ जा सकता है।