सरकार देगी अब 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से आटा और 60 रुपए दाल, सरकारी ऐलान के बाद औंधे मुंह गिरे भाव

सरकारी आटा-दाल अभी मार्केट में नहीं आया है, लेकिन इसकी कीमतों की घोषणा से मुनाफाखोरों को फायदा हुआ है।
 

सरकारी आटा-दाल अभी मार्केट में नहीं आया है, लेकिन इसकी कीमतों की घोषणा से मुनाफाखोरों को फायदा हुआ है। सरकार ने कहा कि जल्द ही देश भर में चना दाल 60 रुपये प्रति किलो और आटा 27.50 रुपये प्रति किलो बिकेगा। थोक मंडी में आटे और दाल की कीमतों में नरमी इसलिए दिखती है।

महेवा से लेकर साहबगंज की थोक मंडी में आटे और दाल की कीमत गुणवत्ता पर निर्भर करती है। सप्ताह भर पहले आटा 3100 से 4200 रुपये प्रति कुंतल था। वहीं, आटा प्रति कुंतल 2900 से 4200 रुपये तक बिक रहा है। सरकार ने पहले से ही आटे की कीमतों पर लगाम लगाया है, आटा के बड़े कारोबारी मदन अग्रहरि का कहना है।

सप्ताह भर में, रेस्तरां, होटल और आम लोगों में सबसे अधिक बिकने वाले आटा का मूल्य 200 रुपये प्रति कुंतल तक गिर गया है। फ्लोर मिल व्यवसायी भी इससे प्रभावित होंगे। लेकिन बड़े ब्रांड का आटा सिर्फ पुराने मूल्य पर बिक रहा है। किराना विक्रेता वीरेन्द्र मौर्या का कहना है कि एक विशेष वर्ग बड़े ब्राड का आटा खाता है। वह सस्ता आटा नहीं प्रयोग करेंगे। यही कारण है कि बड़े ब्रांड के आटे की कीमतें कम होने की संभावना नहीं है।

चना और अरहर दाल की कीमतों में भी गिरावट-

इसी तरह, सरकार ने 60 रुपये प्रति किलो चना दाल बेचने का निर्णय लिया है। सप्ताह भर पहले, चना का दाल 75 से 80 रुपये प्रति किलो था। लेकिन अब कीमतें 5 रुपये गिर गई हैं। चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया ने कहा कि सरकार के प्रयासों से आटा और चना दाल की कीमतें घटी हैं। अरहर दाल भी इससे प्रभावित हुई है। अरहर दाल का थोक मूल्य 5 रुपये प्रति किलो गिर गया है।