हरियाणा के इन 600 स्कूलों पर सरकार लेने जा रही है बड़ा ऐक्शन, विभाग ने तैयार किया स्कूलों का लिस्ट

महेंद्रगढ़ में हाल ही में हुए दुखद स्कूल बस हादसे के बाद जिला प्रशासन ने स्कूल बसों की सख्ती से जांच शुरू कर दी है। यह जांच उन स्कूलों की बसों पर केंद्रित है जिनकी मान्यता नहीं है या जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस कदम का उद्देश्य ऐसी घटनाओं को रोकना है और सुनिश्चित करना है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

 

महेंद्रगढ़ में हाल ही में हुए दुखद स्कूल बस हादसे के बाद जिला प्रशासन ने स्कूल बसों की सख्ती से जांच शुरू कर दी है। यह जांच उन स्कूलों की बसों पर केंद्रित है जिनकी मान्यता नहीं है या जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। इस कदम का उद्देश्य ऐसी घटनाओं को रोकना है और सुनिश्चित करना है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है।

बिना मान्यता प्राप्त स्कूलों पर कसेगी नकेल

स्कूल बसों की जांच के साथ-साथ, उन स्कूलों पर भी ध्यान दिया जा रहा है जिनकी मान्यता नहीं है। राज्य में ऐसे कई स्कूल हैं जो बिना उचित मान्यता के चल रहे हैं। निशा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा के अनुसार, सरकार के पास मौजूद आंकड़े कहते हैं कि ऐसे स्कूलों की संख्या केवल 600 है, परंतु वास्तविक संख्या इससे कहीं अधिक है। इस पर अब विशेष नज़र रखी जा रही है और ऐसे स्कूलों को नियमों का पालन करने की हिदायत दी गई है।

बच्चों के हित में निर्णय

श्री शर्मा ने यह भी बताया कि जिन स्कूलों की मान्यता नहीं है, उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों में भेजने का प्रस्ताव है। यह कदम बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। हालांकि, इस फैसले से उन माता-पिता में चिंता की लहर है जो अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं।

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समाज के लिए चुनौतियाँ और उम्मीदें

इस पूरे मामले को लेकर समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाएँ हैं। कुछ लोग इसे बच्चों के हित में एक सकारात्मक कदम मानते हैं, तो कुछ का मानना है कि इससे निजी और सरकारी स्कूलों के बीच की गुणवत्ता का अंतर कम हो सकता है। फिर भी, शिक्षा के क्षेत्र में जरूरी है कि सभी स्कूल उचित मान्यता प्राप्त हों और शिक्षा के मानकों का पालन करें।