भारत के पुराने रेल्वे स्टेशनो में आता है इन जगहों का नाम, हर रोज़ घूमने वाले भी नही पहचान पाते ख़ासियतें

दुनिया में सबसे बड़ा, सबसे पुराना और सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क भारतीय रेलवे है। याद रखें कि विश्व का तीसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कौन से रेलवे स्टेशन सबसे पुराने हैं?
 

दुनिया में सबसे बड़ा, सबसे पुराना और सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क भारतीय रेलवे है। याद रखें कि विश्व का तीसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कौन से रेलवे स्टेशन सबसे पुराने हैं? चलिए आज हम देश के कुछ पुराने रेलवे स्टेशनों पर चर्चा करेंगे। जो आज भी अपने आप में बहुत प्रसिद्ध है। 

बड़ोग रेलवे स्टेशन

फेमस कालका-शिमला रेलवे लाइन हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में बसा एक छोटा रेलवे स्टेशन है। यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल का दर्जा प्राप्त, इस स्टेशन का नाम कर्नल बरोग के नाम पर रखा गया था। इस स्टेशन का उद्घाटन साल 1903 में किया गया था।

पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन

पुरानी रेलवे स्टशन के संचालन की शुरुआत साल 1864 में की गई थी, फिर वर्ष 1903 में इसके रूप में कुछ बदलाव भी किए गए। फेमस चांदनी चौक के पास स्थित, इस रेलवे स्टेशन की संरचना लाल किले से प्रेरित है। बता दें, इस स्टेशन से रोजाना 2 लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं।

हावड़ा जंक्शन

हावड़ा जंक्शन भी सबसे पुराना रेलवे स्टेशन है, जिसमें यात्रियों और ट्रेनों की आवाजाही साल 1854 से शुरू हुई थी। हावड़ा जंक्शन न केवल भारत में बल्कि दुनिया के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है। 23 प्लेटफॉर्म के साथ खड़े इस स्टेशन पर करीबन 2 लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं।

छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस

यह भारत के सबसे पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है, जिसका परिचालन 1853 में हुआ था। ये ऐसा स्टेशन जो न केवल अंदर से बल्कि बाहर से भी बेहद खूबसूरत है। हले इस रेलवे स्टेशन को विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था। यह यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में आता है। ये मुंबई का सबसे व्यस्त स्टेशन है।

लखनऊ चारबाग रेलवे स्टेशन

ये स्टेशन न केवल सबसे सुंदर, बल्कि सबसे पुराने भारतीय रेलवे स्टेशनों में से एक है। 1914 में निर्मित, इस खूबसूरत स्टेशन में राजस्थानी और मुगल वास्तुकला का मिश्रण है। रिपोर्ट्स की मानें तो यह वही जगह है जहां 1916 में जवाहरलाल नेहरू पहली बार महात्मा गांधी से मिले थे। 9 प्लेटफार्मों के साथ, यह उत्तरी भारत के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशनों में से एक है।