हरियाणा ने जिस पार्टी को साथ दिया उसी की बनी है केंद्र में सरकार, जाने अबकी बार किस पार्टी की तरफ है माहौल

देशभर में लोकसभा चुनावों का प्रचार-प्रसार जोरों पर है और हरियाणा की राजनीति इसमें केंद्रीय भूमिका निभा रही है। हरियाणा न केवल दिल्ली के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है।
 

देशभर में लोकसभा चुनावों का प्रचार-प्रसार जोरों पर है और हरियाणा की राजनीति इसमें केंद्रीय भूमिका निभा रही है। हरियाणा न केवल दिल्ली के साथ अपनी सीमाओं को साझा करता है। बल्कि यह राज्य भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस बार हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर वोटिंग 25 मई को निर्धारित है।

जिसके परिणाम तय करेंगे कि केंद्र में कौन सी पार्टी सत्ता संभालेगी। हरियाणा के चुनावी रुझान और वहां के मतदाताओं का वोटिंग पैटर्न दिल्ली में सरकार बनाने के लिए निर्णायक साबित हो सकता है।

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इस राज्य की चुनावी संवेदनशीलता और इसके मतदान परिणाम न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। 25 मई को होने वाले मतदान के परिणाम निश्चित रूप से देश की राजनीतिक दिशा तय करने में केंद्रीय भूमिका निभाएंगे।

पिछले चुनावों का विश्लेषण

हरियाणा के मतदाताओं ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अपनी पहली पसंद के रूप में चुना। 2014 और 2019 के चुनावों में बीजेपी को यहाँ से बड़ी जीत मिली थी।

जिससे नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री बने। इसके विपरीत 2004 और 2009 में कांग्रेस ने हरियाणा में जीत हासिल की और केंद्र में यूपीए की सरकार बनी।

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वर्तमान चुनावी माहौल और प्रतियोगिता

इस बार के चुनावी माहौल में हरियाणा में एक दिलचस्प टक्कर देखने को मिल रही है। बीजेपी ने अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि कांग्रेस अभी भी अपने पत्ते खोलने में संयम बरत रही है। विश्लेषकों का मानना है कि इस बार हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर होगी।

इसके अलावा बीजेपी के पुराने सहयोगी जैसे जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) भी कुछ सीटों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।