पुलिस की तो खाकी वर्दी होती है फिर कोलकाता पुलिस की वर्दी का क्यों होता है सफेद रंग, इसके पीछे का असली कारण है बेहद खास

भारत में पुलिस की खाकी वर्दी एक सामान्य दृश्य आम ड्रेस है जो आम जनता के बीच विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक बन गई है। हालांकि आपने अक्सर देखा होगा कि कोलकाता में पुलिस विभाग अन्य स्थानों की तुलना में खास सफेद वर्दी में नजर आता है।
 

भारत में पुलिस की खाकी वर्दी एक सामान्य दृश्य आम ड्रेस है जो आम जनता के बीच विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक बन गई है। हालांकि आपने अक्सर देखा होगा कि कोलकाता में पुलिस विभाग अन्य स्थानों की तुलना में खास सफेद वर्दी में नजर आता है। इस आर्टिकल में हम इस अनोखी परंपरा के पीछे के ऐतिहासिक और भौगोलिक कारणों की गहराई में जाएंगे।

भारत में पुलिस वर्दी का इतिहास

भारतीय पुलिस सेवा की शुरुआत ब्रिटिश काल में हुई थी जब पुलिस की वर्दी सफेद रंग की होती थी। उस समय सफेद वर्दी का चयन इसलिए किया गया था क्योंकि यह रंग शांति और अनुशासन का प्रतीक माना जाता था। हालांकि धीरे-धीरे यह महसूस किया गया कि सफेद वर्दी जल्दी गंदी हो जाती है और इसे बनाए रखना कठिन है जिससे खाकी रंग को अधिक प्राथमिकता दी गई।

कोलकाता की सफेद वर्दी का रहस्य

जब भारत भर में खाकी वर्दी को अपनाया जा रहा था तो कोलकाता पुलिस ने सफेद वर्दी को क्यों बरकरार रखा? इसका उत्तर छिपा है कोलकाता की भौगोलिक और जलवायु संबंधी विशेषताओं में। कोलकाता गर्म और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्र में स्थित है जहां तापमान अधिकतर समय उच्च रहता है। सफेद रंग सूर्य की किरणों को परावर्तित करता है और गर्मी को कम महसूस कराता है जिससे यह वर्दी वहां के पुलिसकर्मियों के लिए अधिक आरामदायक बन जाती है।

कोलकाता पुलिस की वर्दी और जन संबंध

कोलकाता पुलिस की सफेद वर्दी न केवल प्रैक्टिकल कारणों से महत्वपूर्ण है बल्कि यह समुदाय के साथ उनके संबंधों में भी एक सकारात्मक भूमिका निभाती है। सफेद रंग शांति, पवित्रता और न्याय का प्रतीक माना जाता है जो पुलिस और जनता के बीच एक विश्वसनीय छवि बनाने में मदद करता है।