इस चिड़िया की पॉटी से बनाई जाती है दुनिया की सबसे महंगी कॉफी, कीमत इतनी की आराम से खरीद लेंगे iPhone 14

कॉफी के शौकीन तो दुनिया भर में हैं, जिन्हें तरह-तरह की कॉफी वरायटीज़ के बारे में ज्ञान होता है। आज हम आपको दुनिया की कुछ सबसे महंगी कॉफी में शुमार जाकू बर्ड कॉफी के बारे में बताएंगे।
 

कॉफी के शौकीन तो दुनिया भर में हैं, जिन्हें तरह-तरह की कॉफी वरायटीज़ के बारे में ज्ञान होता है। आज हम आपको दुनिया की कुछ सबसे महंगी कॉफी में शुमार जाकू बर्ड कॉफी के बारे में बताएंगे। इसका नाम जितना दिलचस्प है, उतना ही अनोखा है इस कॉफी को बनाने का तरीका।

ये कॉफी एक हजार डॉलर प्रति किलो की मिलती है यानि भारतीय मुद्रा में इसका दाम 72-73 हज़ार रुपये प्रति किलो होगा। जाकू बर्ड कॉफी दुनिया की सबसे दुर्लभ और महंगी कॉफी में शुमार है। अगर इसके नाम में खास तौर पर एक चिड़िया का नाम जुड़ा हुआ है, तो कॉफी से इसका कनेक्शन भी बेहद गहरा है।

ब्राजिल का कैमोसिम एस्टेट, ब्राजिल का सबसे छोटा कॉफी प्लांटेशन है मगर इस कॉफी प्लांटेशन की आमदनी काफी ज्यादा है। वो इसलिए, क्योंकि यहां जाकू बर्ड कॉफी पैदा होती है।

2000 के दशक में बनी खास कॉफी

कैमोसिम एस्टेट हेनरीक स्लोपर डी अराउजो नाम के शख्स का कॉफी प्लांटेशन था। सब कुछ ठीक था, लेकिन वो शख्स यहां आने वाली जाकू चिड़िया के झुंड से परेशान था, जो अच्छी-अच्छी कॉफी बींस को चुनकर खा लिया करती थीं।

उन्होंने प्लांटेशन को खराब कर दिया, लेकिन हेनरीक उनका कुछ नहीं कर सकते थे। दरअसल जाकू चिड़िया ब्राज़ील में दुर्लभ प्रजातियों में शुमार है, जिन्हें कानून संरक्षित किया जाता है।

कई तरीके अपनाने के बाद हेनरीक को इंडोनेशिया की अपनी ट्रिप याद आई, जिसमें उन्होंने एक और महंगी कॉफी की वरायकी लुवाक के बारे में जाना था। उन्होंने लुवाक कॉफी के प्रॉसेस को ही अपने प्लांटेशन में इस्तेमाल किया।

चिड़िया के मल से बीनकर निकाली कॉफी

दरअसल लुवाक कॉफी को सिवेट नाम के जानवर के मल से बीनकर प्रॉसेस किया जाता है। ब्राज़ील में हेनरीक ने काम करने वाले लोगों को ज्यादा पैसे देकर उन्होंने जाकू चिड़िया के मल से कॉफी बीनने के लिए मनाया।

आखिरकार जाकू के मल से कॉफी की चेरी को अलग करके साफ करने के लिए वो राज़ी हो गए। पूरा काम हाथ से ही किया जाता था और ये प्रोसीज़र काफी मेहनत भरा था। चूंकि जाकू चिड़िया बेहद चुनी हुई कॉफी खाती है।

ऐसे में पाचन के बाद जो चेरी मिलती है, उसकी क्वॉलिटी अच्छी होती है। बीन हासिल करके उसे प्रोसेस किया जाता है और फिर कॉफी तैयार होती है। इस कॉफी का स्वाद हल्का का नटी और मीठा होता है।