दुनिया का सबसे बदकिस्मत रेल्वे ट्रैक जिसको बनाने में लाखों लोगों ने गवाई थी अपनी जान, जाने कहां पर है ये रेल्वे ट्रैक

किसी भी देश की कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा साधन रेलवे है। यही कारण है कि दुनिया भर के देश हर साल अपने रेलवे सिस्टम को सुधारते हैं। लेकिन आपको लगता है कि रेलवे बनाना इतना आसान नहीं है।
 

किसी भी देश की कनेक्टिविटी का सबसे बड़ा साधन रेलवे है। यही कारण है कि दुनिया भर के देश हर साल अपने रेलवे सिस्टम को सुधारते हैं। लेकिन आपको लगता है कि रेलवे बनाना इतना आसान नहीं है। आजकल आधुनिक मशीनों और उच्च तकनीक की वजह से रेलवे ट्रैक बनाना आसान है।

लेकिन 50 साल पहले, जब यह सुविधाएं नहीं थीं, बड़े-बड़े देशों का रेलवे ट्रैक बनाना मुश्किल था। रेलवे ट्रैक का निर्माण अक्सर हजारों लाखों लोगों की जान लेता था। आज हम आपको एक ऐसे रेलवे ट्रैक की कहानी बताएंगे जिसे बनाने में सिर्फ दो-चार या दस हजार लोग नहीं बल्कि एक लाख से अधिक लोग मर गए।

लोगों ने इसे नाम दिया डेथ रेलवे

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान थाईलैंड और बर्मा के रंगून को जोड़ने वाली एक रेलवे लाइन बनाई जा रही थी..। जो सरकारी दस्तावेजों में बर्मा रेलवे लाइन के नाम से लिखा गया था। यह 415 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बनाने के दौरान लगभग 120000 लोग मारे गए हैं। अब इस रेलवे लाइन को डेथ रेलवे के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह इतने लोगों को मार डाला था।

किन लोगों ने अपनी जान गंवाई थी

इस रेलवे लाइन को बनाने में थाईलैंड, चीन, इंडोनेशिया, वर्मा, मलेशिया और सिंगापुर सहित कई एशियाई देशों से लगभग 180000 से अधिक लोगों ने काम किया। इसके अलावा, इस रेलवे लाइन के निर्माण में 60,000 से अधिक मित्र देश के कैदी काम करते थे। जापानी सेना ने यह सब किया।

इस रेलवे लाइन का निर्माण जापानी सेना ने क्रूरतापूर्वक किया था। माना जाता है कि यह परियोजना 15 महीनों तक चली और हैजा मलेरिया भुखमरी से लगभग ९० हजार कर्मचारियों की मौत हो गई। इसके अलावा, इस रेलवे निर्माण के दौरान कई लोग हवाई बमबारी और गोलीबारी का शिकार हुए।