फिल्मो में वो वाले सीन्स करने के लिए एक्टर और हिरोईन की नही पड़ती जरुरत, इन चीजों की मदद से बोल्ड सीन्स की होती है शूटिंग

फिल्म के अधिकांश दर्शकों को मजा नहीं आता जब तक कि कोई बोल्ड सीन नहीं होता। इसलिए निर्देशक लोगों की रुचि को देखते हुए फिल्मों में इन चीजों को शामिल करते हैं। फिल्में निजी सीन होने पर दर्शक खुद आकर्षित होते हैं।
 

फिल्म के अधिकांश दर्शकों को मजा नहीं आता जब तक कि कोई बोल्ड सीन नहीं होता। इसलिए निर्देशक लोगों की रुचि को देखते हुए फिल्मों में इन चीजों को शामिल करते हैं। फिल्में निजी सीन होने पर दर्शक खुद आकर्षित होते हैं। यह खुलापन, खासकर ओटीटी और वेब श्रृंखलाओं से, और भी अधिक बढ़ा है।

वर्तमान में, निर्देशकों का पूरा ध्यान स्टोरी लाइन से अधिक भावुक सीन्स बनाने पर रहता है, ताकि फिल्म अधिक से अधिक लोगों को पसंद आए। आजकल लगभग हर वेब सीरीज में कुछ भावुक सीन और गालियां आम हैं, लेकिन ऐसे सीन बनाने के लिए निर्देशक से लेकर पूरे टीम को बहुत मेहनत करनी पड़ती है। 

तुमने भी देखा होगा कि फिल्मों में अक्सर किसिंग सीन होते हैं। लेकिन फिल्म में ये सीन कैसे शूट किए गए? क्या अभिनेत्रियां डायरेक्टर और क्रू मेंबर्स के सामने आसानी से किसिंग सीन देती हैं? असल में, यह जरूरी नहीं था कि सीन को कैसे शूट किया गया था। बोल्ड सीन कैसे फिल्माए जाते हैं, आइए देखें।

शरीर दो बार शूट करता है

जब हीरो या हीरोइन एक विशिष्ट सीन करने से मना कर देते हैं, फिल्म निर्देशक हमेशा प्लान बी बनाते हैं। इसके लिए बॉडी डबल का उपयोग किया जाता है। ऐसे में कहानी की आवश्यकता और हीरो या हीरोइन की चरित्र दोनों को मूल्य दिया जाता है।

सीन को अलग तरह से फिल्माया जाता है। ऐसे सीन्स के लिए दोनों को एक शीशा किस करना चाहिए। इससे देखने वाले को लगता है कि वे एक दूसरे को किस कर रहे हैं।

क्रिएट करते हैं इल्यूजन

यदि कोई हीरो या हीरोइन बोल्ड सीन करने से इनकार करती है, तो क्रू को इल्यूजन पैदा करके ब्यूटी शॉट्स देना होगा। तब सिनेमैटोग्राफी की कुछ विधियों ने दर्शकों को लगता है कि बिना कुछ हुए भी बहुत कुछ हुआ है। शूटिंग में ब्यूटी शॉट्स मेकअप नहीं होते।

इसका अर्थ है किस करना, हाथों में हाथ डालना, हग करना या कैमरा का एंगल रखना जिससे शरीर के अंगों को कवर किया जा सके। यह सब सिनेमैटोग्राफी है। ऐसे सीन में सैटिन के बेडशीट्स को बेड पर डालकर इल्यूशन बनाया जाता है।

किस सीन में ये चालें अपनाई जाती हैं?

निर्देशक को क्रोमा शॉट्स लेने की जरूरत होती है अगर एक्टर या एक्ट्रेस ऐसा सीन करने में असहज महसूस करते हैं। यह सीन नीले या हरे रंग के कवर के साथ किया जाता है, जिसे बाद में एडिटिंग से हटाया जाता है।

उदाहरण के लिए, अगर एक्टर और एक्ट्रेस को किसिंग सीन से आपत्ति है, तो उनके बीच कुछ सब्जी (जैसे लौकी या कद्दू) रखा जाता है। ग्रीन रंग की लौकी क्रोमा का काम करती है और दोनों को किस करती है। बाद में, पोस्ट प्रोडक्शन के दौरान, वह सीन से गायब हो जाता है, जिससे देखने वाले को लगता है कि सीन असली है।

करते हैं प्रॉप का इस्तेमाल

इंटिमेट सीन करते समय एक आर्टिस्ट को दूसरे आर्टिस्ट से शारीरिक दूरी बनाए रखने की खुद की च्वाइस होती है। इंटिमेसी कोऑर्डिनेटर भी कलाकार की इच्छा का सम्मान करते हैं, इसलिए कुछ उपकरणों जैसे मोडेस्टी गारमेंट, क्रौच गार्ड और सॉफ्ट पिलो का उपयोग करते हैं। 

इसका रखा जाता है खास ख्याल

किसी भी इंटीमेट सीन को शूट करने के लिए अभिनेत्री या अभिनेत्री की अनुमति सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे सीन शूट करते समय पूरा ध्यान रखा जाता है कि मेल और फीमेल कलाकार के निजी हिस्से आपस में नहीं टकराते।

क्रिकेट खिलाड़ियों की तरह, एक्टर लोगार्ड, कुशन या फिर एयर बैग पहनते हैं। एक्ट्रेस भी पुशअप पैड्स पहनती है और अगर पीछे से टॉपलेस दिखाना हो तो आगे पहनने वाले सिलिकॉन पैड्स पहनती है।