UP में बिजली चोरी का बड़े पैमाने पर चल रहा था खेल, कर्मचारियों की नजर पड़ी तो खुली पूरी पोल

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, बिजली मीटर में फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ लिया गया। भी, पोल इतनी जल्दी खुली कि मानो ऊपरवाला चाहता था कि आज सच्चाई सामने आ जाए। दरअसल, आरोपी ने विद्युत बिल को....
 

लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, बिजली मीटर में फर्जीवाड़ा करने वालों को पकड़ लिया गया। भी, पोल इतनी जल्दी खुली कि मानो ऊपरवाला चाहता था कि आज सच्चाई सामने आ जाए। दरअसल, आरोपी ने विद्युत बिल को कम करने के लिए नए स्मार्ट मीटर में चोरी करने का दावा किया।

इसके साथ वह एक घर पहुंचे और घर मालिक से कहा कि वह 5000 रुपये के बदले उनका स्मार्ट मीटर बंद कर देंगे। आरोपी यह नहीं जानते थे कि वह जिस व्यक्ति से बोल रहे थे, वह खुद बिजली विभाग का इंजीनियर था।

इंजीनियर ने पता लगाया कि कुछ गड़बड़ है

मामला इंदिरापुरम, लखनऊ का है। दो लोगों ने फर्जी बिजली कर्मचारी बनकर बिजली विभाग के असली इंजीनियर अरविंद सिंह से मुलाकात की, लेकिन वे कुछ भी नहीं जानते थे।

पहले उन्होंने मीटर को धीमा करने की पेशकश की, फिर 5 हजार रुपये का भुगतान किया। XEN ने दोनों की मंशा भांपते ही तुरंत पुलिस को फोन किया। भी अपने सब-ऑर्डिनेट्स को बताया। 

पुलिस को फौरन सूचना दी गई

सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया। इसके अलावा, जांच में आरोपियों से कुछ उपकरण बरामद किए गए, जिससे वह बिजली मीटर में चोरी करते थे, और एक निजी कंपनी का आईपीएस आईडी कार्ड। दोनों के खिलाफ पुलिस ने अब केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

बिल को आधा करने का दावा किया गया था

रविवार की शाम को अधिशासी अभियंता अरविंद सिंह को फोन कॉल मिला। फोन पर एक व्यक्ति ने अपना नाम प्रशांत गुप्ता बताया और बताया कि अरविंद के घर में मीटर लगाया था। फिर उसने कहा कि वह मीटर को धीमा कर देगा, इससे उनका बिल आधा हो जाएगा, भले ही वे बहुत अधिक बिजली का उपयोग करें।

इसके बावजूद, इस सहायता के बदले उन्हें पांच हजार रुपये देने होंगे। अभियंता को पता चला कि कुछ गलत हो रहा था। इसलिए उन्होंने दोनों आरोपियों को भी उनके घर बुला लिया। इंदिरानगर डिवीजन के अधिशासी अभियंता घनश्याम को भी घर बुला लिया गया।

ये सामान आरोपियों से मिले

रविवार शाम को पहले आरोपी प्रशांत गुप्ता और दूसरा आरोपी दीपक मौर्य अरविंद के घर पहुंचे। मुख्य अभियंता घनश्याम की टीम भी समय पर वहां पहुंची। प्रशांत ने आईपीएस कंपनी का आईडी कार्ड दोनों आरोपियों से खोला। मीटर की पॉलीकार्बन सील और मीटर सीलिंग बुक भी मिली। प्रशांत के फोन में मीटर में गड़बड़ी करने का वीडियो भी मिल गया। 

एलएंडटी कंपनी को दिया गया था काम

बाद में गाजीपुर थाने में प्रशांत और दीपक पर मीटर से छेड़छाड़ और आईडी कार्ड का दुरुपयोग का मामला दर्ज किया गया। याद रखें कि एलएंडटी कंपनी को 2020 में स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव दिया गया था।