पुरानी कार में आने लगे ये 4 दिक्क्तें तो नई गाड़ी लेने में है भलाई, वरना बीच रास्ते में होना पड़ सकता है परेशान

भारत में लोग अपनी कारों को वर्षों तक चलाने का प्रयास करते हैं, लेकिन जब कार पुरानी हो जाती है, तब इसमें अनेक प्रकार की समस्याएं आना आम बात है। यदि आपकी पुरानी कार लगातार परेशानी का सबब बन रही है....
 

भारत में लोग अपनी कारों को वर्षों तक चलाने का प्रयास करते हैं, लेकिन जब कार पुरानी हो जाती है, तब इसमें अनेक प्रकार की समस्याएं आना आम बात है। यदि आपकी पुरानी कार लगातार परेशानी का सबब बन रही है और मरम्मत के खर्चे बढ़ते जा रहे हैं, तो यह समझदारी का कदम होगा कि आप इसे एक नई कार से बदल दें।

नई कार न केवल बेहतर प्रदर्शन और कम रखरखाव लागत का वादा करती है, बल्कि यह आपको नई-नई सुविधाओं और बेहतर सुरक्षा मानकों का भी लाभ उठाने का अवसर देती है।

इंजन में परेशानी आना

इंजन में बार-बार परेशानी आना ऐसी ही एक समस्या है। यदि आपको अपनी कार के इंजन को बार-बार मरम्मत करवाना पड़ रहा है, तो यह संकेत है कि आपको नई कार की ओर देखने की आवश्यकता है। इंजन की समस्या को अनदेखा करने से भविष्य में और भी अधिक खर्च हो सकता है।

एसी में खराबी

एक और आम समस्या जो पुरानी कारों में देखी जाती है वह है एसी में खराबी। गर्मियों में यह समस्या और भी ज्यादा परेशानी भरी हो सकती है। यदि आपकी कार का एसी पर्याप्त ठंडक नहीं दे रहा है और इसकी मरम्मत में बहुत अधिक खर्च आ रहा है, तो यह समय है नई कार के विचार के लिए।

ईंधन की खपत में बढ़ोतरी

पुरानी कारों में ईंधन की खपत बढ़ जाती है, जिससे आपका वार्षिक खर्च भी बढ़ जाता है। यदि आप देखते हैं कि आपकी कार अधिक ईंधन की खपत कर रही है और इसके समाधान में खर्च बहुत अधिक आ रहा है, तो यह नई कार में निवेश का समय हो सकता है।

इंटीरियर में खराबी

जैसे-जैसे कार उम्रदराज होती जाती है, इसके इंटीरियर की खूबसूरती और सुविधा में भी कमी आती जाती है। गियर लीवर, डैशबोर्ड, सीटें आदि पर गंदगी और बदबू का जमाव हो सकता है। इंटीरियर की मरम्मत और सजावट में भी काफी खर्च आ सकता है। यदि आपकी कार के इंटीरियर में खराबी के साथ बदबू भी आ रही है, तो नई कार खरीदना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।