वृंदावन में घूमने के लिए यह 6 जगह है सबसे बेस्ट, नजरों को देख दिल हो जाएगा खुश
राधे-राधे गाते रहो, वृंदावन आते रहो..। जी हाँ वही वृंदावन जहां भगवान श्रीकृष्ण का बचपन बीता था, गोपियों के साथ प्यार और राधा-रानी के साथ प्रेम का अटूट अहसास। वृंदावन, उत्तर प्रदेश में मथुरा से महज 15 किलोमीटर दूर है, एक धार्मिक स्थान और जीवन में मिलने वाला एक सुकून भी है।
वृंदावन की सेवा आपको एक अलग जगह ले जाती है। आपको बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर जरूर देखने का मौका मिलेगा। लेकिन आज हम वृंदावन में कुछ ऐसी जगहों को बताने जा रहे हैं। जो इतिहास के एक रहस्य को उजागर करते हैं और श्रीकृष्ण और राधा-रानी के प्रेम का मूल उद्देश्य बताते हैं।
इतिहास को करीब से देखने के लिए यहाँ जाना अनिवार्य है। इन जगहों पर आध्यात्मिक और इतिहास प्रेमियों को अद्भुत अनुभव मिलेगा। अगर आप वृंदावन जा रहे हैं तो इन खास स्थानों पर जाना नहीं भूलना चाहिए।
केसी घाट पर सुकून और शांति का संगम
घाट हमेशा शांति और सुकून का प्रतीक हैं। यमुना के तट पर शांत और सुंदर घाटों की सुंदरता सूर्योदय और सूर्यास्त से कई गुना बढ़ जाती है। घाट पर शाम की आरती में भाग लेने का अनुभव भी अलग है। इस घाट पर भगवान श्रीकृष्ण ने राक्षस को मार डालने के बाद स्नान किया था।
राधा रमन मंदिर की अलौकिक सुंदरता
राधा रमन मंदिर जटिल कलाकृतियों से भरपूर है। यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है, जिन्हें राधा रमन माना जाता है, जिसका अर्थ है राधा को प्रसन्न करने वाला। मंदिर में ठाकुर जी की एक मूर्ति में तीन चित्र देखे जाते हैं। यह चित्र कभी गोविंद देव जी की तरह दिखता है, कभी वृक्षस्थल गोपीनाथ की तरह दिखता है, और कभी चरण मदन मोहन जी के विग्रह की तरह दिखते हैं।
साल में एक बार खुलता बैकुंठ दरवाजा
रंगजी मंदिर मथुरा-वृंदावन में सबसे खास है। जहां बैकुंठ दरवाजा एक वर्ष में सिर्फ एक बार खुलता है कहा जाता है कि इस दरवाजे से गुजरने वाले मोक्ष पाते हैं। जो बैकुंठ एकादशी के दिन ही खुलता है। यह मंदिर दक्षिण भारत के मंदिरों की तरह बनाया गया है।
इमलीतला मंदिर के पीछे दिलचस्प कहानी
यमुना तट पर स्थित इमलीतला मंदिर से कई कहानियां और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यह जानकर कोई भी इमलीतला मंदिर जाना चाहेगा। माना जाता है कि एक बार राधा-रानी रास के बीच में गायब हो गईं, तो श्रीकृष्ण इमली के पेड़ के नीचे बैठ गए और अलगाव की दुखद भावना में राधा-रानी के मधुर नाम का जाप करने लगे।
जब भगवान श्रीकृष्ण ने दी गवाही
भक्तों की भक्ति का सबूत है मथुरा-वृंदावन रोड पर पागल बाबा मंदिर। बांके बिहारी माना जाता है कि उधारी लेकर एक भक्त का मामला कोर्ट पहुंचा था। याद रखें कि पागल बाबा मंदिर 221 फीट ऊंचा सफेद संगमरमर के पत्थरों से बना हुआ है, जो अपनी सुंदरता के लिए बहुत प्रसिद्ध है।
रहस्य से भरा 'सेवा कुंज'
निधिवन से लगभग एक किलोमीटर दूर सेवाकुंज है। यह वन है जहां भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ यात्रा की थी। वन में एक मंदिर है। इस मंदिर में आज भी श्रीकृष्ण राधा रानी के साथ रात में विश्राम करते हैं जिसकी सुबह की झलक भी है। माना जाता है कि श्रीकृष्ण ने इस स्थान पर राधा रानी की सेवा की इसलिए इसे सेवा कुंज कहा जाता है।