भारत के इन रेल्वे स्टेशनों पर लग चुका है भूतिया स्टेशन का टैग, शाम होने के बाद हो जाते है पूरा सुनसान
भारतीय रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारतीय रेलवे अपनी विशाल नेटवर्क और विविधता के लिए जाना जाता है। इसकी लंबाई-चौड़ाई में फैले हजारों स्टेशनों में से कुछ अपनी शानदार बनावट और सेवाओं के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध हैं वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो अपने भूतिया किस्सों के लिए जाने जाते हैं।
आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही रेलवे स्टेशनों की कहानियों से रूबरू करवाएंगे जिनके पीछे की कहानियां रहस्य और रोमांच से भरी हैं। भारतीय रेलवे के ये स्टेशन न केवल यात्रा के विभिन्न अनुभव प्रदान करते हैं।
बल्कि अपने साथ कई रहस्य और कहानियां भी समेटे हुए हैं। ये कहानियां हमें इतिहास संस्कृति और परलोक की गहराइयों में झांकने का अवसर प्रदान करती हैं।
बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन (पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल का बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन पुरुलिया जिले में स्थित लंबे समय तक अपने आप में एक रहस्य बना रहा। सफेद साड़ी पहने एक महिला के भूत की बार-बार देखे जाने की घटनाओं ने इसे 42 सालों तक वीरान और बंद रखा। हालांकि साल 2009 में इसे फिर से खोलने का साहसिक निर्णय लिया गया लेकिन उसके पीछे की कहानियां आज भी कई लोगों को डराती हैं।
नैनी रेलवे स्टेशन (उत्तरप्रदेश)
नैनी रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में अपने आस-पास के इतिहास के साथ एक गहरा संबंध रखता है। नैनी जेल के पास स्थित इस स्टेशन को अंग्रेजों के शासन काल में हुई कई आत्माओं की यातना की कहानियां से जोड़ा जाता है। रात के समय यहां से रोने-चीखने की आवाजें आने की बातें कई यात्रियों ने बताई हैं।
मुलुंड स्टेशन (मुंबई)
मुंबई का मुलुंड स्टेशन अपने शहरी वातावरण के बावजूद रहस्यमयी किंवदंतियों से घिरा हुआ है। शाम ढलते ही यहां चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई देना एक आम बात है जिससे कई बार यात्रियों और स्थानीय निवासियों में भय का माहौल बन जाता है।
चित्तूर रेलवे स्टेशन (आंध्र प्रदेश)
आंध्र प्रदेश का चित्तूर रेलवे स्टेशन एक दर्दनाक घटना के लिए प्रसिद्ध है जहां एक CRPF जवान की निर्ममता से पिटाई करके हत्या कर दी गई थी। कहा जाता है कि जवान की आत्मा आज भी स्टेशन के आस-पास भटकती है न्याय की मांग करती है।
बड़ोग रेलवे स्टेशन (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश का बड़ोग रेलवे स्टेशन अपनी प्राकृतिक सुंदरता के बीच एक गहरे रहस्य को समेटे हुए है। कर्नल बड़ोग की आत्महत्या के बाद से उनकी आत्मा के सुरंग में भटकने की कहानियां स्थानीय लोगों और रेलकर्मियों के बीच प्रचलित हैं।