इंसान का बुरा टाइम शुरू होने से पहले दिखने लगते है ये संकेत, दूसरी बात पर टाइम रहते कर ले गौर वरना बाद में होगा पछतावा

किस्‍मत होती है, इस बात ये कौन इनकार कर सकता है. भाग्‍य अच्‍छा हो तो सब सुख होता है, जीवन शांति से कटता है और भाग्‍य खराब हो जाए, सितारे उल्‍टे पड़ जाएं तो सारे सुख के बावजूद व्‍यक्ति के जीवन में नए कष्‍ट पैदा हो जाते हैं.
 

किस्‍मत होती है, इस बात ये कौन इनकार कर सकता है. भाग्‍य अच्‍छा हो तो सब सुख होता है, जीवन शांति से कटता है और भाग्‍य खराब हो जाए, सितारे उल्‍टे पड़ जाएं तो सारे सुख के बावजूद व्‍यक्ति के जीवन में नए कष्‍ट पैदा हो जाते हैं.

ऐसे में सवाल यह उठ जाता है कि भाग्‍य और दुर्भाग्‍य होता क्‍या है? वो कौन सी बातें हैं, जो सौभाग्‍य की श्रेणी में आती हैं और वो कौन सी बातें हैं, जो दुर्भाग्‍य की श्रेणी में आती हैं. चाणक्‍य ने अपनी पुस्‍तक में इस बारे में विस्‍तार से लिखा है.

कौन सी बातें दुर्भाग्‍य की श्रेणी में आती हैं

वो उन तीन स्थितियों की ओर इशारा करते हैं, जो यदि किसी पुरुष के साथ हो तो समझ लेना चाहिए कि उसका दुर्भाग्‍य शुरू हो गया है और बुरे दिन आ गए हैं. हालांकि ये ऐसी स्थितियां हैं, जिस पर मनुष्‍य का कोई बस नहीं है. लेकिन भाग्‍य पर भी हमारा बस कहां होता है. जो चीज नियंत्रण के बाहर हैं, वही तो भाग्‍य और दुर्भाग्‍य कहलाती है.

संपत्ति का लुट जाना 

अगर किसी पुरुष की संपत्ति उसके हाथ से चली जाए या किसी कुटिल स्‍वभाव वाले व्‍यक्ति के हाथ लग जाए तो समझ जाना चाहिए कि उस पुरुष का दुर्भाग्‍य शुरू हो गया है. धन जीवन में सबकुछ न भी हो तो भी बहुत कीमती है. जीवन के बुनियादी सुख में से एक है. ऐसे में संपत्ति का नुकसान बड़ा दुर्भाग्‍य लेकर आता है.

बुढ़ापे में पत्‍नी की मृत्‍यु 

चाणक्‍य कहते हैं कि यदि किसी पुरुष की पत्‍नी की मृत्‍यु बुढ़ापे में हो जाए तो यह बड़े दुर्भाग्‍य की बात है. जवानी में शरीर और आत्‍मा में बल होता है. यौवन की शक्ति होती है, शरीर में ताकत होती है. ऐसे में पुरुष के लिए दूसरा विवाह करना आसान होता है.

लेकिन यदि बुढ़ापे में पत्‍नी की मृत्‍यु हो जाए तो ऐसे समय में वह अकेला हो जाता है, जब उसे साथ और सहयोग की सबसे ज्‍यादा जरूरत होती है. बड़ी उम्र में दूसरे विवाह की संभावनाएं भी बहुत कम हो जाती हैं.