रेल्वे ट्रैक का लोहा चुराने में चोरों के छूट जाते है पसीने, वजह भी है काफी मजेदार

भारतीय रेलवे जो कि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है अपनी विस्तृत और सघन सेवाओं के साथ भारत के प्रत्येक कोने को जोड़ता है।
 

Indian Railway Fact: भारतीय रेलवे जो कि दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है अपनी विस्तृत और सघन सेवाओं के साथ भारत के प्रत्येक कोने को जोड़ता है। इसकी पटरियां लाखों किलोमीटर तक फैली हुई हैं जो अलग अलग भौगोलिक स्थितियों में भी यात्रा और माल ढुलाई को संभव बनाती हैं। भारतीय रेल की इस व्यापकता के कारण ही यह देश के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता आया है।

रेलवे ट्रैक की सुरक्षा

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भारतीय रेलवे के ट्रैक कभी चोरी नहीं हो सकते। यहां तक कि बड़े-बड़े डाकू भी इन रेलवे ट्रैक्स को नहीं चुरा सकते। इसकी मुख्य वजह यह है कि रेलवे पटरियों को स्लीपर्स के साथ अत्यधिक मजबूती से बांधा जाता है और इन्हें खोलना किसी भी चोर के लिए कोई आसान काम नहीं है।

पटरियों का निर्माण

भारतीय रेलवे की पटरियां एक विशेष प्रकार की मिश्र धातु (High-Quality Alloy) से निर्मित होती हैं, जिसे काटना आसान नहीं होता। यह मिश्र धातु इतनी मजबूत होती है कि इसे सामान्य उपकरणों से काटना संभव नहीं होता जिससे ये पटरियां चोरी होने से बची रहती हैं। यही नहीं इस धातु की गुणवत्ता और मजबूती के कारण कोई कबाड़ी भी इसे खरीदने का जोखिम नहीं उठाता।

रेलवे सुरक्षा

रेलवे की पटरियों की यह अभेद्य सुरक्षा (Impenetrable Security) न केवल चोरी के खतरे से इसे मुक्त रखती है बल्कि यात्री और माल ढुलाई के लिए एक विश्वसनीय माध्यम भी है। यह सुरक्षा भारतीय रेलवे को देश के सबसे भरोसेमंद और व्यापक परिवहन नेटवर्कों में से एक बनाती है।