1386KM लंबे इस एक्सप्रेसवे से हरियाणा और राजस्थान की होगी मौज, इन 6 राज्यों के साथ कनेक्टिविटी हो जाएगी तेज

भारतीय केंद्र सरकार ने अपनी विशाल योजना के अंतर्गत देश भर में सड़कों का जाल बिछाने का काम शुरू किया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस मिशन में भूमिका निभा रही है
 

भारतीय केंद्र सरकार ने अपनी विशाल योजना के अंतर्गत देश भर में सड़कों का जाल बिछाने का काम शुरू किया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) इस मिशन में भूमिका निभा रही है और लगातार नए हाइवे के निर्माण कार्य में जुटी हुई है। इसका उद्देश्य न सिर्फ यातायात को आसान बनाना है बल्कि सम्पूर्ण विकास कार्य की गति को भी तेज करना है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

इस विशाल परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, जिसे भारत की सबसे लंबी सड़क माना जा रहा है। इसकी कुल लंबाई 1386 किलोमीटर है और यह छह राज्यों को आपस में जोड़ेगी। NHAI के अनुसार इस हाईवे का 80% काम पहले ही पूरा कर लिया गया है और बाकी बचे काम को निर्धारित समय में पूरा करके इसे आने जाने के लिए खोल दिया जाएगा।

आर्थिक और सामाजिक लाभ

नए हाइवे के निर्माण से न केवल यातायात की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को भी बहुत फायदा होगा। हाइवे के किनारे बसे इलाकों में नए व्यापारिक अवसर सृजित होंगे जैसे होटल, रेस्टोरेंट आदि। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में जमीन की कीमतें भी बढ़ जाएँगी जिससे जमीन के मालिकों को वित्तीय लाभ होगा। औद्योगिक विकास के लिए भी यह हाइवे एक बूस्ट का काम करेगा और हजारों नई नौकरियाँ सृजित होंगी।

निर्माण कार्य की वर्तमान स्थिति

दिल्ली से बड़ोदरा तक के 845 किलोमीटर के खंड में निर्माण कार्य 96% तक पूरा कर लिया गया है। यह खंड दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। वहीं अन्य खंडों में भी कार्य तेजी से चल रहा है और इसी साल के अंत तक उन्हें भी खोल दिया जाएगा।

जो चरण अभी बाकी है

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के अंतिम चरण में हरियाणा से मुंबई तक के हिस्से को इस साल पूरा किया जाएगा। हालांकि, दिल्ली डीएनडी से जेवर तक का हिस्सा अगले साल जून में पूरा होगा। इस सड़क का निर्माण न केवल यातायात को सुगम बनाएगा बल्कि इससे संबंधित शहरों और राज्यों का आपसी सहयोग और विकास भी सुनिश्चित होगा।