फसलों को खाद देने के लिए इस पशु का गोबर है सबसे बेस्ट, किसानों को नही होता पता

भारतीय कृषि की समृद्धि में गोबर की भूमिका बहुत बड़ी है. गांवों में प्रचलित देसी खाद जो मुख्य रूप से गोबर से बनती है न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है
 

sheep animal dung: भारतीय कृषि की समृद्धि में गोबर की भूमिका बहुत बड़ी है. गांवों में प्रचलित देसी खाद जो मुख्य रूप से गोबर से बनती है न केवल मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है बल्कि पर्यावरण को भी संतुलित रखती है. विभिन्न प्रकार के पशुओं का गोबर अलग-अलग तरह की खाद का निर्माण करता है, जिसके अपने-अपने फायदे होते हैं.

पशुपालन और खाद निर्माण

ग्रामीण इलाकों में पशुपालन के साथ-साथ खाद निर्माण की प्रक्रिया भी जुड़ी हुई है. पशुपालक अपने पशुओं के गोबर को एकत्र करते हैं और उसे खाद में परिवर्तित करते हैं. गाय, भैंस, और भेड़ के गोबर से बनने वाली खाद में कई तरह के अंतर होते हैं.

गाय का गोबर सबसे बढ़िया

माधोपुर स्थित देशी गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन केंद्र में कार्यरत पशुपालन विशेषज्ञ डॉ. रंजन के अनुसार, गाय का गोबर खाद के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम की संतुलित मात्रा होती है, जो मिट्टी की संरचना में सुधार और फसलों के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है.

भैंस के गोबर का उपयोग और असर

भैंस का गोबर भी खाद के रूप में प्रयोग किया जाता है हालांकि इसमें नाइट्रोजन की मात्रा कम होती है. इसका उपयोग मुख्यतः वहां किया जाता है जहां खाद की बड़ी मात्रा की जरूरत होती है.

भेड़ के गोबर की खासियत

भेड़ का गोबर भी खाद के रूप में काफी प्रभावी होता है, लेकिन इसकी उपलब्धता सीमित होती है. इसमें नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है, जो फसलों के लिए लाभदायक होती है.