साहिवाल से भी सस्ती आती है इस नस्ल की गाय, दूध बेचकर कर सकते है बंपर कमाई
animal husbandry: भारत में पशुपालन का कारोबार नए शिखरों को छू रहा है जिसमें दुधारू पशुओं का पालन विशेष रूप से प्रमुखता से उभर कर आ रहा है. गाय और भैंस की प्रमुख नस्लें जैसे कि गिर साहिवाल ने तो अपना खास स्थान बना लिया है लेकिन इनकी उच्च कीमतें अनेक इच्छुक पशुपालकों की पहुंच से बाहर हैं. इस आर्टिकल में हम दो ऐसी सस्ती नस्लों के बारे में चर्चा करेंगे जो न केवल किफायती हैं बल्कि उत्पादकता में भी कम नहीं हैं.
थारपारकर और हरियाणा नस्ल
थारपारकर और हरियाणा नस्ल की गायें, जिन्हें उनकी किफायती कीमत के लिए जाना जाता है, उत्पादकता के मामले में भी पीछे नहीं हैं. ये गायें प्रतिदिन लगभग 10 लीटर तक दूध देने में सक्षम होती हैं, जो उन्हें छोटे और मध्यम दर्जे के पशुपालकों के लिए एक आदर्श विकल्प बनाती है.
पालन-पोषण में आसानी
इन नस्लों की एक बड़ी विशेषता यह है कि इन्हें पालने के लिए किसी खास प्रकार की व्यवस्था की जरूरत नहीं पड़ती. इनका खान-पान भी गिर और साहिवाल नस्ल के मुकाबले कम खर्चीला होता है, जिससे पशुपालकों की आर्थिक बचत होती है.
आर्थिक के साथ ज्यादा उत्पादन
ये नस्लें न केवल आर्थिक रूप से व्यावहारिक हैं, बल्कि उत्पादन में भी किसी से कम नहीं हैं. थारपारकर और हरियाणा नस्ल की गायों को पालने से पशुपालकों को बेहतर आय के साथ-साथ उचित रिटर्न भी मिलता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है.