मुगल हरम में जाने के लिए इस डॉक्टर को बादशाह ने दी थी स्पेशल छूट, अपनी किताब में बताया की मर्दों का स्पर्श पाने के लिए तरसती थी महिलाएं
बाबर था पहला मुगल हरम। अकबर में इसका सबसे अधिक उपयोग हुआ। जब हरम में पांच हजार से अधिक रानियां और दासियां थीं। डॉक्टर को हर बार बुलाया जाता था जब रानी या दासी बीमार हो जाते थे।इतावली चिकित्सक निकोलाओ मानुची ने ऐसे ही एक कहानी का उल्लेख किया है। उसने अपनी किताब मुगल इंडिया में उनसे बताया कि वह एक डॉक्टर था और एक बार हरम में बीमार महिलाओं को देखने का जिम्मा मिला था।
किताब में मानुची बताता है कि उसके दारा शिकोह बहुत अच्छे थे। आप मानुची की किताबों में दारा शिकोह की तारीफ पढ़कर भी इस बात का पता लगा सकते हैं। मानुची बताता है कि एक बार जब वह हरम के पास इलाज करने गया, दारा शिकोह ने किन्नर को हरम की सुरक्षा करने के लिए विशिष्ट आदेश दिए।
दारा ने कहा कि मानूची को हरम में भेजा जाना चाहिए और उसके आंखों को ढक रहे कपड़ों को हटाना चाहिए। यानि राजा के अलावा कोई भी व्यक्ति हरम में नहीं जा सकता था। डॉक्टर जाने पर भी उसकी आंखों पर एक पट्टी बांधी जाती थी।
दारा शिकोह का मानना था कि ईसाई धर्म में अश्लीलता नहीं होती, जैसे मुस्लिम धर्म में है। मानुची को हरम में स्वतंत्रतापूर्वक जाने की अनुमति मिली। मानूची ने आगे लिखा है कि हरम में महिलाएं अक्सर झूठी बीमारी दिखाती थीं। क्योंकि उन्हें बादशाह के अलावा किसी से मिलने की अनुमति नहीं दी गई थी।
ऐसे में ये महिलाएं खुद को बीमार बताकर डॉक्टर को बुलवाती थीं और नब्ज टटोलने के बहाने उनसे छूती थीं। किताब बताती है कि बीमार महिला और चिकित्सक के बीच एक पर्दा था।
महिलाएं अक्सर पर्दे के भीतर एक डाक्टर का हाथ चूम लेती थीं और प्यार से उसका हाथ काट भी लेती थीं जब वह नब्ज देखने के लिए हाथ बढ़ाता था। इतना ही नहीं, हाथ पकड़कर अपने शरीर को सहलाती थी।