हिरोईन के साथ ऐसे होती है किसिंग और रोमांटिक सीन्स की शूटिंग, सच्चाई जानकर तो आपकी भी नही रुकेगी हंसी

फिल्मी पर्दे पर किसिंग सीन आज के समय में फिल्मो का एक बहुत जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। चाहे बॉलीवुड हो, हॉलीवुड या कोई ओटीटी प्लेटफॉर्म रोमांटिक सीन में लिपलॉक सीन्स आम बात हो गई है।
 

फिल्मी पर्दे पर किसिंग सीन आज के समय में फिल्मो का एक बहुत जरूरी हिस्सा बन चुके हैं। चाहे बॉलीवुड हो, हॉलीवुड या कोई ओटीटी प्लेटफॉर्म रोमांटिक सीन में लिपलॉक सीन्स आम बात हो गई है। दर्शकों की रुचि और कहानी की मांग के अनुसार ये सीन अब फिल्मों में एक जरूरी तत्व के रूप में समाविष्ट हो चुके हैं।

आजकल फिल्म बनने में किसिंग सीन अब एक कलात्मक अभिव्यक्ति और कहानी कहने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। तकनीकी उन्नति और क्रिएटिव तरीकों के माध्यम से फिल्म निर्माता इन सीन को ऐसे दर्शाते हैं जिससे दर्शकों को एक यादगार अनुभव प्रदान होता है बिना कलाकारों के आराम को खतरे में डाले।

किसिंग सीन के पीछे की तकनीक

हालांकि दर्शकों को यह लग सकता है कि पर्दे पर दिखाया गया चुंबन सीन सहज और वास्तविक है परंतु इसके पीछे एक व्यापक तकनीकी प्रक्रिया होती है। कैमरा एंगल्स, लाइटिंग और कलाकारों की भूमिका इस सीन को वास्तविक बनाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

इल्यूजन का उपयोग

अधिकतर रोमांटिक या बोल्ड सीन में इल्यूजन का उपयोग होता है जिससे दर्शकों को यह अहसास हो कि सीन वास्तविक है। चाहे वह बेडरूम सीन हो या बीच किनारे एक रोमांटिक पल निर्देशक और सिनेमैटोग्राफर सीन को ऐसे दर्शाते हैं कि दर्शकों को उनकी कल्पना में खो जाने का अवसर मिलता है।

क्रोमा का जादू

किसी भी रोमांटिक सीन को फिल्माने के लिए क्रोमा तकनीक एक वरदान साबित हुई है। इस तकनीक के जरिए कलाकार वास्तव में एक-दूसरे को चूमे बिना ही एक वास्तविक किसिंग सीन का आभास करा सकते हैं। पोस्ट-प्रोडक्शन की प्रक्रिया में विजुअल इफेक्ट्स का उपयोग करके इन सीन को और भी जीवंत बनाया जाता है।

बॉडी डबल्स की भूमिका

कुछ मामलों में जहाँ कलाकार शारीरिक रूप से असहज महसूस करते हैं। वहाँ बॉडी डबल्स का उपयोग किया जाता है। यह प्रक्रिया कलाकारों को उनकी सहजता प्रदान करती है और साथ ही सीन को वास्तविक बनाए रखने में मदद करती है।