जानवरों से आवारा पशुओं की रखवाली के लिए ये जुगाड़ है बेस्ट, मात्र 50 रुपए के खर्चे में किसानों की हो जाएगी मदद

भारतीय कृषि (Agriculture) अपनी परंपरागत विविधता और समृद्धि के लिए जानी जाती है। लेकिन इसके साथ आने वाली समस्याएं भी कम नहीं हैं।
 

भारतीय कृषि (Agriculture) अपनी परंपरागत विविधता और समृद्धि के लिए जानी जाती है। लेकिन इसके साथ आने वाली समस्याएं भी कम नहीं हैं। मौसम (Weather) की अनिश्चितताओं के अलावा, किसानों (Farmers) को सबसे ज्यादा चिंता जंगली जानवरों (Wild animals) और नीलगाय (Nilgai) के कारण होने वाले नुकसान से होती है। इन जानवरों का फसलों (Crops) पर आक्रमण न केवल उत्पादन को प्रभावित करता है बल्कि किसानों की मेहनत को भी नष्ट कर देता है। फसलों की रक्षा के लिए विभिन्न तरीके अपनाए जाते हैं लेकिन अक्सर वे महंगे (Expensive) साबित होते हैं और लंबे समय तक उन पर निर्भर रहना संभव नहीं होता।

नीलगाय को भगाने का अनोखा जुगाड़

इस समस्या का समाधान ढूंढने के लिए, एक सस्ता और कारगर (Effective) जुगाड़ सामने आया है। यह जुगाड़ है पटाखे (Firecrackers) का उपयोग। हां पटाखे! यह सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यह विधि बहुत ही प्रभावी साबित हुई है। पटाखों के धमाके से डरकर नीलगाय और अन्य जानवर खेतों से भाग जाते हैं, जिससे फसलों को बचाया जा सकता है। इस जुगाड़ को अपनाने का खर्च (Cost) भी बहुत कम है, मात्र 50 रुपये जो किसानों के लिए एक आसान और सस्ता समाधान प्रस्तुत करता है।

कम खर्च में बड़ी राहत

इस जुगाड़ को बनाने में आधा इंच मुड़े हुए लोहे के पाइप (Iron pipe) का इस्तेमाल होता है। इस पाइप में पटाखा रखकर फोड़ने पर, पाइप के दूसरी ओर से आने वाली तेज आवाज (Loud noise) से जानवर डरकर खेतों से भाग जाते हैं। यह जुगाड़ न केवल प्रभावी है बल्कि किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी सहायक है क्योंकि इसमें बहुत कम खर्च आता है।

नीलगाय और जंगली जानवरों का आतंक

विभिन्न राज्यों के किसान नीलगाय और जंगली जानवरों के आतंक (Terror) से लगातार जूझ रहे हैं। इन जानवरों के खेतों में घुसने से फसलों को भारी नुकसान होता है, जिससे किसान आर्थिक संकट (Financial crisis) में फंस जाते हैं। बिहार सरकार ने तो नीलगायों को मारने के लिए शूटर्स (Shooters) तक नियुक्त किए हैं। यह समस्या केवल बिहार या उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि अन्य कई राज्यों में भी देखने को मिलती है। इस तरह के समाधान जो कम खर्च में उपलब्ध हों, वे किसानों के लिए एक बड़ी राहत (Relief) प्रदान करते हैं।