जंगल के ऊपर से होकर गुजरेगा देश का ये पहला अनोखा एक्सप्रेसवे, इसके ऊपर से गुजरेंगे वाहन तो नीचे से गुजरेंगे जंगली जानवर

भारतीय प्रगति की दिशा में सड़कों का विस्तार एक महत्वपूर्ण कदम है। जहाँ कभी दूर-दराज के इलाके सड़क संपर्क से वंचित थे, वहीं आज हर कोने तक सड़कों का जाल बिछ चुका है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत....
 

भारतीय प्रगति की दिशा में सड़कों का विस्तार एक महत्वपूर्ण कदम है। जहाँ कभी दूर-दराज के इलाके सड़क संपर्क से वंचित थे, वहीं आज हर कोने तक सड़कों का जाल बिछ चुका है। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत देशभर में एक्सप्रेसवे और हाईवे के निर्माण ने विकास की गति को और अधिक तेज कर दिया है। इस कड़ी में एक नया नाम जुड़ने जा रहा है जो विकास के मार्ग में एक और मील का पत्थर साबित होगा।

जंगल के बीच एक अनूठा सफर

NHAI द्वारा निर्मित हो रहा यह एक्सप्रेसवे न केवल देश के विकास में योगदान देगा, बल्कि इसकी विशेषता इसे और भी अनूठा बनाती है। घने जंगलों के बीच से गुजरते हुए इस एक्सप्रेसवे में एक वाइल्ड लाइफ कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। इस 12 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर के जरिए सफर करने वाले लोगों को हाथी, शेर सहित कई जंगली जानवरों को देखने का खास अनुभव प्राप्त होगा।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे  ग्रीन कॉरिडोर

दिल्ली से देहरादून के बीच बन रहे इस ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण NHAI और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की संयुक्त योजना और प्रयासों से हो रहा है। इस एक्सप्रेसवे की खासियत इसका वाइल्डलाइफ कॉरिडोर है जो राजाजी नेशनल पार्क के निकट से गुजरेगा। इस कॉरिडोर के माध्यम से जानवरों की आवाजाही को सुगम बनाया जाएगा, जिससे उनके प्राकृतिक आवास में कोई व्यवधान न हो।

एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर बन रहा यह वाइल्डलाइफ कॉरिडोर एशिया का सबसे बड़ा कॉरिडोर होगा। इसका निर्माण सिंगल पिलर पर किया जा रहा है ताकि जंगल में कंक्रीट के इस्तेमाल को कम से कम रखा जा सके। कुल 571 पिलर्स के साथ हर पिलर के बीच 21 मीटर की दूरी होगी, जो इसे एक इको-फ्रेंडली डिजाइन प्रदान करती है।

एक नया युग की शुरुआत

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण न केवल दिल्ली से देहरादून के बीच यात्रा के समय को कम करेगा, बल्कि यह एक नई सोच और विकास के नए आयाम की ओर भी इशारा करता है। यह परियोजना दर्शाती है कि कैसे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रकृति संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के अनुभव को समृद्ध करेगा, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता और संरक्षण का भी संदेश देगा।