भारत में इस जगह है देश का सबसे ऊंचा रेल्वे स्टेशन, बादल भी घूमते दिखेंगे आसपास

भारतीय रेलवे की विशालता इसे दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क का दर्जा दिलाती है। यहां की रेल व्यवस्था लगभग 13 हजार छोटे और बड़े रेलवे स्टेशनों के साथ देश के कोने-कोने को जोड़ती है।
 

भारतीय रेलवे की विशालता इसे दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क का दर्जा दिलाती है। यहां की रेल व्यवस्था लगभग 13 हजार छोटे और बड़े रेलवे स्टेशनों के साथ देश के कोने-कोने को जोड़ती है। प्रत्येक स्टेशन की अपनी एक अनोखी विशेषता होती है जो उसे विशेष बनाती है। आज हम भारत के सबसे ऊंचे रेलवे स्टेशन के बारे में चर्चा करेंगे जहां आसमान को छूते बादलों का नज़ारा आपका स्वागत करता है।

भारत का सबसे ऊँचा रेलवे स्टेशन

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित घुम रेलवे स्टेशन भारत का सबसे ऊंचा रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे का हिस्सा है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 2258 मीटर (7400 फुट) है। इस स्टेशन की खासियत इसकी अद्वितीय स्थिति है, जहां पर्यटक बादलों को अपने सिर के ऊपर मंडराते हुए महसूस कर सकते हैं।

घुम स्टेशन का निर्माण

घुम रेलवे स्टेशन का निर्माण लगभग 150 साल पहले ब्रिटिश शासन के दौरान 1878 में शुरू हुआ था। इस स्टेशन को बनाने का मुख्य उद्देश्य कोलकाता और दार्जिलिंग के बीच एक प्रत्यक्ष रेल संपर्क स्थापित करना था। 1879 में, इस रेलवे लाइन का विस्तार दार्जिलिंग के घामौर तक पूरा हुआ, जिससे क्षेत्र की पहुँच में आसानी हुई और पर्यटन को भी बढ़ावा मिला।

बादलों के बीच एक यात्रा

घुम रेलवे स्टेशन की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां पर्यटकों को लगता है जैसे वे बादलों के बीच खड़े हों। यह स्थान अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है और दार्जिलिंग से महज 7 किमी दूर होने के कारण यह आसानी से पहुँच योग्य है।

टॉय ट्रेन से घुम तक

दार्जिलिंग से घुम स्टेशन तक की यात्रा को और भी रोमांचक बनाने के लिए यहां एक टॉय ट्रेन का संचालन किया जाता है। यह ट्रेन दार्जिलिंग के पहाड़ी दृश्यों के बीच से गुजरती है, जिससे यात्रियों को न सिर्फ घुम बल्कि पूरे मार्ग का अद्वितीय अनुभव प्राप्त होता है। इस ट्रेन यात्रा में आपको दार्जिलिंग की विलक्षण प्राकृतिक सुंदरता का लुत्फ उठाने का मौका मिलता है, जिसे अनुभव करना हर यात्री के लिए एक यादगार पल बन जाता है।