शराब पीने के मामले में गोवा और पंजाब से भी आगे है ये राज्य, सुबह सवेरे ही चाय की पेग लगाकर करते है दिन शुरू

उत्तर प्रदेश भारत में शराब सेवन करने वालों की सबसे बड़ी संख्या का गढ़ है। रिसर्च बताती है कि यहां न केवल शराब की खपत अधिक है। बल्कि इसके सेवन करने वाले व्यक्तियों की संख्या भी काफी बड़ी है।
 

उत्तर प्रदेश भारत में शराब सेवन करने वालों की सबसे बड़ी संख्या का गढ़ है। रिसर्च बताती है कि यहां न केवल शराब की खपत अधिक है। बल्कि इसके सेवन करने वाले व्यक्तियों की संख्या भी काफी बड़ी है। यहां की कुल जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा नियमित रूप से अल्कोहल का सेवन करता है।

नीचे बताएं गए आंकड़े भारत में शराब सेवन की व्यापकता को स्पष्ट करते हैं। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक शराब पीने वालों की संख्या होना इस बात का प्रमाण है कि शराब सेवन भारतीय समाज में एक प्रमुख समस्या है।

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वहीं शराबबंदी वाले राज्य जैसे कि बिहार और गुजरात में शराब का सेवन सबसे कम होने का दावा किया जाता है। यह दिखाता है कि शराबबंदी की नीतियां किस हद तक प्रभावी हो सकती हैं।

भारतीय राज्यों में शराब की खपत का आंकड़ा

भारत में शराब की खपत एक गंभीर मुद्दा है। जिसे क्रिसिल की रिपोर्ट ने और भी पुष्ट किया है। 2020 में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल ने देश में बिकने वाली कुल शराब का लगभग 45 प्रतिशत सेवन किया। यह दर्शाता है कि ये राज्य शराब की खपत में सबसे आगे हैं।

शराब सेवन में छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा का स्थान

छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा भारतीय राज्यों में शराब सेवन में सबसे ऊपर हैं। छत्तीसगढ़ में करीब 35.6 प्रतिशत और त्रिपुरा में 34.7 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं। इससे पता चलता है कि ये दोनों राज्य शराब की खपत के मामले में भारतीय राज्यों में सबसे आगे हैं।

अन्य राज्यों में शराब की स्थिति

आंध्र प्रदेश, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश, गोवा और केरल भी शराब सेवन में पीछे नहीं हैं। इन राज्यों में शराब का सेवन काफी उच्च स्तर पर है। पंजाब में लगभग 28.5 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश में यह आंकड़ा 28 प्रतिशत है। गोवा और केरल में क्रमशः 26.4 प्रतिशत और 19.9 प्रतिशत आबादी शराब का सेवन करती है।

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पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक में शराब सेवन

पश्चिम बंगाल में करीब 14 प्रतिशत, तमिलनाडु में 15 प्रतिशत और कर्नाटक में 11 प्रतिशत आबादी शराब पीती है। ये आंकड़े इन राज्यों में शराब की खपत की गंभीरता को दर्शाते हैं।