दूध बेचकर इस महिला ने कर ली करोड़ों की कमाई, एक महीने की कमाई देखकर तो नही होगा आंखो पर यकीन

कड़ी मेहनत और लगन से हर काम सफल हो सकता है। आप अपनी जिंदगी सुधारना चाहते हैं या अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं। मेहनत से सब कुछ हो सकता है। आज बहुत से लोग अच्छा पैसा कमाने की कोशिश कर रहे हैं।
 

कड़ी मेहनत और लगन से हर काम सफल हो सकता है। आप अपनी जिंदगी सुधारना चाहते हैं या अच्छा पैसा कमाना चाहते हैं। मेहनत से सब कुछ हो सकता है। आज बहुत से लोग अच्छा पैसा कमाने की कोशिश कर रहे हैं। स्कूल कभी नहीं देखने वाली एक महिला हर साल दूध बेचकर करोड़ों रुपये कमाती है।

गुजरात के बनासकंठा जिले की 62 वर्षीय नवलबेन ने एक कीर्तिमान बनाया है। नवलबेन दूध का व्यवसाय करके हर महीने लाखों रुपये कमा रही हैं, ऐसे समय जब एक बड़ा वर्ग आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है। नवलबेन 62 साल का है। वह खुद का व्यापार करके पशुपालन और दूध उत्पादन करती हैं।

वह इसे अकेले करती है। यदि आप जानते हैं कि किसी कार्य को करने का सही तरीका क्या है। आप बिजनेस करना चाहते हैं तो दूध बेचकर पैसे कमा सकते हैं। आइए आपको नवलबेन की सफलता की कहानी बताते हैं।

ऐसे हुई शुरुआत

नवलबेन, गुजरात के बनासकंठा जिले के नगला गांव में रहती थी, डेयरी का बिजनस करना मुश्किल था। उन्हें कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ा जब वे अपने व्यवसाय को शुरू किया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सफलता हासिल करने का निर्णय लिया।

नवलबेन की मेहनत रंग लायी और उनका बिजनस धीरे-धीरे चलना शुरू हुआ। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, नवलबेन ने 2020 और 2021 में एक करोड़ रुपये से अधिक का दूध बेचा है। उन्हें इससे प्रति महीने लगभग साढ़े तीन लाख रुपये की कमाई हुई है।

तीन साल से बेच रहीं दूध

पिछले करीब तीन साल से नवलबेन ने सालाना एक करोड़ रुपये से अधिक का दूध बेचा है। नवलबेन में 80 से अधिक भैंस और 45 से अधिक गायों ने आसपास के कई गांवों की दूध की जरूरत पूरी की है। नवलबेन ने पिछले साल अपने घर पर एक मिल्क कंपनी भी शुरू की है। आज नवलबेन 125 जानवरों के साथ एक डेयरी फार्म चलाते हैं।

लोगों को दिया रोजगार

रिपोर्ट के मुताबिक, नवलबेन को बनासकांठा जिले के दो लक्ष्मी अवॉर्ड और तीन बेस्ट पशुपालक अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है। मुख्यमंत्री ने गांधीनगर में यह अवार्ड दिए। नवलबेन की डेयरी में गांव के 11 लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

ये लोग पशुओं की देखभाल के अलावा दूध भी दुहते हैं। श्रमिकों के साथ नवलबेन भी रोजाना सुबह-शाम दूध खुद भी दुहती हैं। नवलबेन के 4 बच्चे हैं जो शहर में रहते हैं।