Today Gold Silver Price: शिवरात्रि के शुभ दिन सोने चांदी के दामों में भारी गिरावट से लोगों की मौज, जाने 10 ग्राम सोने का ताज़ा भाव

सोने की कीमतों में दूसरे सप्ताह तक निरंतर वृद्धि देखने को मिली। जून के महीने में हुई लगातार गिरावट के बाद, जुलाई में सोने की कीमतें फिर से चमकनी शुरू हो गई हैं। 
 

सोने की कीमतों में दूसरे सप्ताह तक निरंतर वृद्धि देखने को मिली। जून के महीने में हुई लगातार गिरावट के बाद, जुलाई में सोने की कीमतें फिर से चमकनी शुरू हो गई हैं और सोने की कीमत अब 60 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुँच गई हैं।

सोने की कीमतें इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 59,352 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुईं। साथ ही, पिछले हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन सोना 58,531 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। 

इस सप्ताह सोने का भाव

IBJA दरों के मुताबिक सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को सोने की कीमतें 58,648 रुपये पर बंद हुईं। मंगलवार को भाव में हल्की वृद्धि हुई और 58,713 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ।

बुधवार को सोना 58,887 रुपये प्रति 10 ग्राम पर समाप्त हुआ। गुरुवार को सोने का मूल्य 59 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गया और 59,329 रुपये पर बंद हुआ। शुक्रवार को सोना 59,352 रुपये पर बंद हो गया। 

कितना महंगा हुआ गोल्ड

गोल्ड की कीमतें पिछले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन शुक्रवार को 58,531 रुपये पर बंद हुईं। इस सप्ताह सोने की कीमत 821 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़ी है।

इस हफ्ते सोमवार को सोना की कीमत सबसे कम 58,648 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जबकि शुक्रवार को सबसे महंगा 59,352 रुपये प्रति 10 ग्राम था। 

24 कैरेट सोने का मूल्य

इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन ने बताया कि 13 जुलाई 2023 को, 24 कैरेट वाले सोने का मूल्य सबसे अधिक 59,322 रुपये था। 22 कैरेट गोल्ड का मूल्य 59,091 रुपये था। टैक्स के बिना सभी गोल्ड रेट की गणना की गई है।

सोने पर जीएसटी कर अलग से भुगतान करना होगा। गहने पर मेकिंग चार्ज भी देना होगा। डियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन ने अलग-अलग प्योरिटी के सोने के स्टैंडर्ड भावों की सूचना दी है।

सोने का भाव अब तक कितना बढ़ा

मॉनिटरी सख्ती, डॉलर इंडेक्स की मजबूती और लगातार मुख्य मुद्रास्फीति से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद 2023 में अब तक सोने की कीमतें 8 प्रतिशत बढ़ी हैं।

विशेषज्ञों का मत है कि इस महंगी धातु के लिए आउटलुक आशाजनक है। मुद्रास्फीति का दबाव मे कमी होना इसका मुख्य कारण रहा है।