ट्रेन में टिकट चेक करने का काम TTE करता है या TC, बहुत लोग नही जानते इनके बीच अंतर

भारतीय रेलवे जो कि भारत में परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन है। हर रोज करोड़ों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। इस विशाल नेटवर्क पर यात्रा करने के लिए वैध टिकट का होना अनिवार्य है।
 

भारतीय रेलवे जो कि भारत में परिवहन का एक महत्वपूर्ण साधन है। हर रोज करोड़ों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है। इस विशाल नेटवर्क पर यात्रा करने के लिए वैध टिकट का होना अनिवार्य है। टिकट न केवल यात्रा की अनुमति देता है।

बल्कि यह रेलवे के लिए आय का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। टिकट न होने पर यात्री को न केवल जुर्माना भरना पड़ता है। बल्कि कुछ मामलों में उन्हें जेल की सजा भी हो सकती है।

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TTE का काम और जिम्मेदारियां

ट्रेन में सफर के दौरान ट्रेन टिकट परीक्षक (TTE) यात्रियों की टिकट जांच करता है। TTE की भूमिका में टिकट की जांच करना। बर्थ आवंटन करना और बिना टिकट या अन्य अवैध यात्रा करने वाले यात्रियों पर जुर्माना लगाना शामिल है।

यदि यात्री टिकट के बिना पाए जाते हैं, तो TTE उन्हें दंडित करने के लिए जुर्माना लगा सकता है और कठोर मामलों में उन्हें जेल भेजने की सिफारिश कर सकता है।

TC की भूमिका और कार्य

प्लेटफॉर्म पर जो अधिकारी ट्रेन से उतरने के बाद आपकी टिकट जांचता है। वह टिकट कलेक्टर (TC) कहलाता है। TC का मुख्य कार्य प्लेटफॉर्म और ट्रेन के अंदर यात्रा करने वाले यात्रियों की टिकट की जांच करना है। यह सुनिश्चित करना कि सभी यात्री वैध टिकट के साथ यात्रा कर रहे हैं। इससे रेलवे को आर्थिक हानि से बचाना है।

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अधिकारी के रूप में TTE और TC के बीच अंतर

जबकि दोनों ही अधिकारी रेलवे में टिकट जांच के लिए जिम्मेदार होते हैं। TTE और TC के कार्य क्षेत्र में कुछ अंतर है। TTE मुख्यतः ट्रेनों के अंदर काम करता है। जबकि TC प्लेटफॉर्म और स्टेशन परिसर में काम करता है।

दोनों की भूमिकाएँ रेलवे के नियमों और विनियमों को लागू करने में महत्वपूर्ण होती हैं और दोनों ही यात्रियों के बीच अनुशासन और कानून का पालन सुनिश्चित करते हैं।