यूपी में 3 करोड़ से ज्यादा घरों में विभाग ने लगाए स्मार्ट मीटर, अब मोबाइल फोन की तरह बिजली मीटर होंगे रिचार्ज

उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी से होने वाले घाटे को कम करने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। इस पहल के तहत प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है। इसकी शुरुआत लोकसभा चुनावों के बाद होनी है और सभी बिजली कंपनियों ने इसकी तैयारी कर ली है।
 

उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी से होने वाले घाटे को कम करने के लिए एक बड़ी पहल की गई है। इस पहल के तहत प्रदेश के सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है। इसकी शुरुआत लोकसभा चुनावों के बाद होनी है और सभी बिजली कंपनियों ने इसकी तैयारी कर ली है। इस योजना पर पूरे प्रदेश में करीब 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक से अधिक पैसे खर्च किए जाएंगे।

पहले चरण में लगेगे इतने मीटर  

पहले चरण में विशेष रूप से उन इलाकों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे जहां बिजली चोरी की समस्या अधिक है। इसके लिए बिजली विभाग ने फीडरों का ऑडिट कर उनके खपत और बिलिंग के आंकड़े एकत्र किए हैं। इससे यह पता चलेगा कि किन फीडरों से अधिक बिजली चोरी हो रही है और उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लाभ

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लगने से बिजली उपभोक्ता अपने बिजली के उपयोग को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकेंगे क्योंकि उन्हें अपनी खपत के अनुसार ही बिजली का भुगतान करना होगा। ये मीटर बिजली चोरी की समस्या को काफी हद तक कम कर देंगे क्योंकि मीटर से बिजली चोरी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। इसके अलावा यदि कोई उपभोक्ता मीटर में छेड़छाड़ करने का प्रयास करता है तो तुरंत विभाग के कंट्रोल रूम को इसकी सूचना मिल जाएगी।

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उपभोक्ताओं के लिए कोई अतिरिक्त खर्च नहीं

इस योजना के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगवाने के लिए उपभोक्ताओं को किसी भी प्रकार की अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे। इस खर्च को बिजली विभाग स्वयं वहन करेगा। इसके अलावा उपभोक्ता समय-समय पर मीटर को रिचार्ज कराके अपनी बिजली की खपत को मैनेज कर सकेंगे जिससे उन्हें अपनी बिजली के उपयोग की पूरी जानकारी रहेगी।