UP Govt Action: यूपी में लापरवाह कर्मचारियों की योगी सरकार ने उड़ाई नींद, ऐसे कर्मचारियों को सबक सीखाने के लिए योगी सरकार ने दिया सख्त आदेश

बिजली बिल (Electricity Bill) को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। यह शिकायतें मुख्य रूप से इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि मीटर रीडर (Meter Reader) बिना घरों तक पहुंचे ही अपने मन से बिल बना दे रहे हैं।
 

बिजली बिल (Electricity Bill) को लेकर उपभोक्ताओं की शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। यह शिकायतें मुख्य रूप से इसलिए बढ़ रही हैं क्योंकि मीटर रीडर (Meter Reader) बिना घरों तक पहुंचे ही अपने मन से बिल बना दे रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं में नाराजगी का माहौल है।

इस समस्या को देखते हुए, अब बिजली विभाग (Electricity Department) ने एक नई व्यवस्था (New System) लागू की है जिससे लापरवाही बरतने वाले रीडर्स पर लगाम लगेगी। इस पूरे प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि बिजली विभाग उपभोक्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से ले रहा है।

उन्हें सही बिल मुहैया कराने के लिए प्रयासरत है। इस नई पहल से उम्मीद है कि बिजली बिल से जुड़ी अनियमितताओं (Irregularities) और गलतियों में कमी आएगी, और उपभोक्ता संतुष्टि (Customer Satisfaction) में वृद्धि होगी। बिजली विभाग का यह कदम उपभोक्ता हित में एक सकारात्मक बदलाव (Positive Change) साबित हो सकता है।

नई प्रणाली का परिचय

प्रयागराज जोन (Prayagraj Zone) में बिजली बिलिंग की नई व्यवस्था, 'बिलिंग बाई मंथ' (Billing by Month), शुरू की गई है। इस व्यवस्था के तहत रीडर्स को सही रीडिंग (Accurate Reading) करने के साथ-साथ मीटर की वीडियो या फोटो (Video or Photo) लेना भी अनिवार्य होगा।

इस कदम से बिना रीडिंग या गलत रीडिंग के बिल जारी करने की प्रथा पर विराम लगेगा, और उपभोक्ताओं को राहत (Relief) मिलेगी।

उपभोक्ता समस्याओं पर ध्यान

शहरी (Urban) और ग्रामीण क्षेत्रों (Rural Areas) में बिजली बिल से जुड़ी समस्याएं एक आम बात हो गई थी। लोगों का कहना है कि रीडर बिना वास्तविक रीडिंग लिए ही बिल बना देते हैं, जिससे उन्हें अधिक चार्ज (Overcharge) का सामना करना पड़ता है। इस शिकायत को सुनते हुए विभाग ने गंभीरता से कदम उठाया है।

समाधान की दिशा में एक कदम

इस नई प्रणाली से भले ही बिजली बिल मिलने में कुछ देरी (Delay) हो सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ताओं को सही और न्यायसंगत बिल (Fair Bill) प्राप्त हो। मुख्य अभियंता विश्वदीप अंबरदार (Chief Engineer Vishwadeep Ambaradar) के मुताबिक, रीडर्स को पहले से ही सही बिल बनाने के निर्देश दिए गए थे।

लेकिन कुछ लापरवाही (Negligence) अभी भी जारी है। इसलिए, विभाग ने दो महीने के अंतराल पर बिल जारी करने का निर्णय लिया है ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।