UP Weather Alert: यूपी के इन 31 जिलों में भारी बारिश के लिए हो जाए तैयार, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसमें बांदा, चित्रकूट, कौशांबी से लेकर प्रयागराज और फतेहपुर तक के इलाके शामिल हैं।
 

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है। इसमें बांदा, चित्रकूट, कौशांबी से लेकर प्रयागराज और फतेहपुर तक के इलाके शामिल हैं। गुरुवार को भी इन इलाकों में अवध और तराई क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई थी जिसने मौसम को सुहाना बना दिया। इस बारिश ने सोनभद्र, अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, लखनऊ और बाराबंकी में भी अपनी छाप छोड़ी।

आकाशीय बिजली की संभावना

मौसम विभाग ने इन जिलों में न केवल भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, बल्कि आकाशीय बिजली गिरने की भी संभावना व्यक्त की है। इसके चलते विभाग ने सभी स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने और आवश्यक सुरक्षा उपायों को अपनाने की सलाह दी है। वज्रपात से सुरक्षा के लिए बड़े पेड़ों के नीचे या खुले मैदानों में न रहने की विशेष सिफारिश की गई है।

पिछले दिनों की बारिश और आगे का अनुमान

गुरुवार को हुई बारिश ने कई इलाकों में जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न कर दी जिससे यातायात में कुछ व्यवधान भी आया। अब जबकि शुक्रवार को भी इन्हीं जिलों में बारिश की उम्मीद है स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ नियंत्रण कक्ष को चौकसी बरतने और नदी के किनारे बसे गांवों में विशेष सतर्कता रखने की तैयारियाँ की हैं। मौसम विभाग का अनुमान है कि आगे के कुछ दिनों में भी यह पैटर्न जारी रह सकता है।

सतर्कता और सुरक्षा के उपाय

मौसम विभाग ने इस दौरान जनता से अपील की है कि वे भारी बारिश और वज्रपात के दौरान घरों में ही रहें। खासकर बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित रखने की जरूरत है। यदि बाहर निकलना जरूरी हो तो उचित सावधानियां बरतते हुए रबर के जूते और रेनकोट का उपयोग करें। स्थानीय प्रशासन ने भी आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए हैं, ताकि आपात स्थिति में तुरंत मदद मुहैया कराई जा सके।

कृषि पर असर 

इस बारिश का असर क्षेत्रीय कृषि पर भी पड़ने की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि वे फसलों की उचित देखभाल के लिए आवश्यक उपाय करें। विशेष रूप से खरीफ की फसलों के लिए यह बारिश लाभदायक सिद्ध हो सकती है, लेकिन अधिक वर्षा होने पर फसलों के नुकसान की आशंका भी है। किसानों को इस संबंध में जागरूक रहने और समय पर उपयुक्त कदम उठाने की आवश्यकता है।