वन व्हीकल वन फास्टैग नियम क्या है और क्या है इसका फायदा, जाने आपके सफर पर इसका क्या असर पड़ेगा

1 अप्रैल 2024 से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की 'वन व्हीकल वन फास्टैग' पहल देश भर में लागू हो गई है। यह कदम फास्टैग सिस्टम को और अधिक कुशल बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
 

1 अप्रैल 2024 से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की 'वन व्हीकल वन फास्टैग' पहल देश भर में लागू हो गई है। यह कदम फास्टैग सिस्टम को और अधिक कुशल बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस नियम के तहत प्रत्येक वाहन के लिए केवल एक ही फास्टैग सक्रिय रहेगा, जिससे टोल प्लाजा पर होने वाली अनावश्यक देरी को कम किया जा सकेगा। 

'वन व्हीकल वन फास्टैग' पहल के लागू होने से निश्चित ही भारतीय राजमार्गों पर यातायात प्रबंधन में सुधार होगा। यह न केवल टोल प्लाजा पर वाहनों की लंबी कतारों को कम करेगा, बल्कि वाहन चालकों को अपनी यात्रा के दौरान समय और ईंधन की बचत में भी मदद करेगा।

KYC का महत्व और आवश्यकता

KYC यानी 'नो योर कस्टमर' प्रक्रिया को फास्टैग के साथ जोड़ने का उद्देश्य वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता लाना है। इस प्रक्रिया के तहत फास्टैग धारकों को अपनी पहचान और पते की जानकारी प्रदान करनी होती है।

जिससे धोखाधड़ी की संभावनाओं को कम किया जा सके। 31 मार्च, 2024 तक KYC अपडेट करने की डेडलाइन दी गई थी, जिसे पूरा करना हर फास्टैग धारक के लिए अनिवार्य था।

"वन व्हीकल वन फास्टैग" की विशेषताएँ

'वन व्हीकल वन फास्टैग' नियम से एक ही वाहन के लिए एकाधिक फास्टैग जारी करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगेगा। इससे न केवल टोल संग्रहण में दक्षता आएगी, बल्कि वाहन मालिकों को भी अपने टोल शुल्क के प्रबंधन में सुविधा होगी। इस पहल से वाहनों की ट्रैकिंग और टोल संग्रहण प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

फास्टैग KYC अपडेट प्रक्रिया

फास्टैग धारकों को अपने KYC दस्तावेज़ ऑनलाइन अपडेट करने होंगे। इसके लिए वे अपने फास्टैग जारीकर्ता बैंक की वेबसाइट या फास्टैग कस्टमर पोर्टल पर जा सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल फास्टैग के संचालन को सुगम बनाएगी, बल्कि वाहन मालिकों को अपने वाहनों के लिए सही फास्टैग का चयन करने में भी मदद करेगी।