आपके हिस्से की प्रॉपर्टी को रिश्तेदार बेच दे तो क्या करे, जाने कहाँ से मिलेगी मदद

अगर आपके नाम पर कोई संपत्ति है या आप पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार हैं सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना आपकी सहमति के उस संपत्ति को बेच नहीं सकता.
 

ancestral property law in india: अगर आपके नाम पर कोई संपत्ति है या आप पैतृक संपत्ति में हिस्सेदार हैं सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि बिना आपकी सहमति के उस संपत्ति को बेच नहीं सकता. यह विशेषकर तब लागू होता है जब संपत्ति अविभाजित हो और इसका विधिवत बंटवारा न हुआ हो. ऐसी स्थिति में संपत्ति के एक हिस्सेदार के रूप में आपके पास बिक्री को रोकने का पूरा अधिकार है.

कानूनी उपायों का प्रावधान

यदि किसी रिश्तेदार ने बिना सहमति के संपत्ति को बेचने की कोशिश की है तो आप इस अवैध क्रिया के लिए पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवा सकते हैं. अगर पुलिस FIR दर्ज नहीं करती तो आप न्यायालय में जाकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए याचिका दायर कर सकते हैं.

न्यायालय की प्रक्रिया 

संपत्ति विवाद के मामले में आपको न्यायालय में अलग तरह से बंटवारे की याचिका दायर करनी चाहिए और CPC के तहत 39/1-2 के अनुसार स्थगन आवेदन दायर कर सकते हैं जिससे संपत्ति की आगे की बिक्री पर रोक लगाई जा सके. यह आवेदन तब तक की अवधि के लिए होता है जब तक कि अदालत मामले का फैसला नहीं कर देती.

खरीदारों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई

अगर आपकी सहमति के बिना ही कोई संपत्ति बिक चुकी है तो आप उस खरीदार के विरुद्ध कोर्ट में केस दर्ज कर सकते हैं. आपको उन्हें मुकदमे में पार्टी के रूप में जोड़ना होगा और अपने हिस्से का दावा पेश करना होगा.