इस मुगल शहजादी ने भाई की जान बचाने के लिए दुश्मन से कर ली थी शादी, पूरी बात जानकर तो आपको भी नही होगा भरोसा

मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर ने अपने जीवन में अनेकों चुनौतियां देखीं। उनकी वीरता और साहसिक कारनामे इतिहास के पन्नों में सदैव के लिए अमर हो गए हैं। फिर भी एक समय था जब बाबर को अपने प्रतिद्वंद्वी....
 

मुगल साम्राज्य की नींव रखने वाले बाबर ने अपने जीवन में अनेकों चुनौतियां देखीं। उनकी वीरता और साहसिक कारनामे इतिहास के पन्नों में सदैव के लिए अमर हो गए हैं। फिर भी एक समय था जब बाबर को अपने प्रतिद्वंद्वी शायबानी खान के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।

इस युद्ध में बाबर की सेना न केवल पराजित हुई बल्कि उन्हें भुखमरी और दुर्दशा का भी सामना करना पड़ा था। खानजादा बेगम का बलिदान मुगल इतिहास में एक उल्लेखनीय घटना के रूप में दर्ज है।

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उन्हें मुगल साम्राज्य में गहरा सम्मान प्राप्त है क्योंकि उन्होंने अपने भाई और अपने राज्य के लिए अपनी व्यक्तिगत खुशियों और जिंदगी को कुर्बान कर दिया था। उनकी गाथा आज भी प्रेरणा देती है और उनका नाम गर्व और आदर के साथ याद किया जाता है।

खानजादा बेगम का असाधारण त्याग

जब बाबर और उनकी सेना दुश्मन की कैद में थी और भूख से तड़प रही थी तब बाबर की बहन खानजादा बेगम ने एक असामान्य और साहसिक कदम उठाया। उन्होंने अपने भाई और मुगल सेना की जान बचाने के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।

खानजादा बेगम ने शायबानी खान से विवाह करने का निर्णय लिया जिससे कि बाबर और उनकी सेना को मुक्ति मिल सके। उनका यह निर्णय उनकी असीम प्रेम और बलिदान की गाथा को दर्शाता है।

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दुश्मन की शर्त और खानजादा का समर्पण

शायबानी खान ने खानजादा बेगम के सामने शर्त रखी थी कि यदि वह उनसे विवाह कर लेती हैं तो वह बाबर और उसकी सेना को मुक्त कर देंगे। खानजादा बेगम ने अपने भाई और मुगल साम्राज्य के भविष्य के लिए इस दुविधापूर्ण शर्त को स्वीकार किया।

उनका यह कदम न केवल उनके अपार प्रेम को दर्शाता है बल्कि यह भी बताता है कि किस तरह से वे अपने परिवार और राज्य के लिए किसी भी हद तक जा सकती थीं।