कुछ भी हो जाए पर कपड़े धोने वाले साबुन से नहाने की मत करना गलती, वरना बाद में हो सकती है ये बड़ी दिक्क्त

हर व्यक्ति का सपना होता है एक शानदार जिंदगी जीने का जिसमें छोटी से छोटी चीज भी उनके अपने स्वाद और शौक को प्रदर्शित करे। इसी ख्वाहिश का हिस्सा होते हैं महंगे और खुशबूदार नहाने के साबुन। लेकिन बढ़ती महंगाई ने कईयों की इस चाहत पर पानी फेर दिया है।
 

हर व्यक्ति का सपना होता है एक शानदार जिंदगी जीने का जिसमें छोटी से छोटी चीज भी उनके अपने स्वाद और शौक को प्रदर्शित करे। इसी ख्वाहिश का हिस्सा होते हैं महंगे और खुशबूदार नहाने के साबुन। लेकिन बढ़ती महंगाई ने कईयों की इस चाहत पर पानी फेर दिया है। इसका असर यह होता है कि कई लोग खासकर शोषित और वंचित समाज के लोग मजबूरी में कपड़े धोने के साबुन से नहा लेते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।

भारत में मिलने वाले महंगे साबुन की झलक

यदि बात करें महंगाई की तो कर्नाटक सोप एंड डिटर्जेंट लि. द्वारा निर्मित मैसूर सैंडल मिलेनियम सोप जो कि लगभग 720 रुपये में मिलता है भारत का एक बहुत महंगा साबुन माना जाता है। इसकी विशेषता है इसमें मौजूद चंदन की लकड़ी का शुद्ध तेल और विभिन्न प्रकार के पौधों के तेल जो इसे अनोखा बनाते हैं। दूसरी ओर फ्रांस का हर्मस ऑफ सोप भी बाजार में 1,400 रुपये के करीब मिलता है।

कपड़े धोने के साबुन के नुकसान

कपड़े धोने के साबुन और डिटर्जेंट में मौजूद केमिकल्स जैसे सोडियम लौरेल सल्फेट और फार्मेल्डिहाइड जो त्वचा के लिए काफी हानिकारक होते हैं इनका इस्तेमाल शरीर पर करने से त्वचा में सूजन, खुजली और लंबे समय से त्वचा रोग जैसे एक्जिमा हो सकते हैं। इसके अलावा इनमें मौजूद ब्लीच और अन्य केमिकल्स त्वचा की नमी को सोख लेते हैं और त्वचा को रूखा बना सकते हैं।

खुशबूदार केमिकल्स का खतरा

अक्सर कपड़े धोने के साबुन और डिटर्जेंट्स में मिलाए जाने वाले खुशबूदार केमिकल्स त्वचा पर रैशेज और चकत्ते पैदा कर सकते हैं। ये केमिकल्स नाक और गले में जलन का कारण भी बन सकते हैं।

यह भी पढ़ें; रामायण के एक सीन में रामानंद सागर ने कौवे के आगे जोड़े थे हाथ, बेजुबान के सामने की थी विनती तो हुई ये बात

नहाने और कपड़े धोने के साबुन में अंतर

नहाने के साबुन और कपड़े धोने के साबुन में मुख्य अंतर है उनके रासायनिक संयोजन में। जहां नहाने के साबुन में त्वचा के अनुकूल मॉश्चराइजर और कंडीशनर होते हैं वहीं कपड़े धोने के साबुन कठोर और केमिकल युक्त होते हैं जो कि त्वचा को कड़क और रूखा बना देते हैं। इसलिए इनका इस्तेमाल त्वचा पर लगाना सही नहीं है।