गेंहु के दामों में रुक रुक कर देखने को मिल सकती है बढ़ोतरी, जाने आने वाले दिनों में गेंहु की तेजी मंदी की पूरी रिपोर्ट

हाल ही में गेहूं के बाजार में एक असामान्य तेजी देखी गई है जिसकी वजह बनी है सरकारी नीतियां और स्टॉकिस्टों की बढ़ती हुई खरीद। गेहूं की कीमतों में हाल के महीनों में 250 से 300 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी हुई है।
 

हाल ही में गेहूं के बाजार में एक असामान्य तेजी देखी गई है जिसकी वजह बनी है सरकारी नीतियां और स्टॉकिस्टों की बढ़ती हुई खरीद। गेहूं की कीमतों में हाल के महीनों में 250 से 300 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी हुई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि भले ही इस वर्ष गेहूं का उत्पादन अधिक हुआ हो लेकिन स्टॉकिस्टों ने अपनी खरीदी बढ़ा दी जिससे मांग और आपूर्ति में असंतुलन पैदा हो गया।

सरकारी हस्तक्षेप और बाजार असर 

सरकार ने गेहूं की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 1 अगस्त से खुले बाजार में गेहूं बेचने की योजना की घोषणा की। इस कदम का उद्देश्य गेहूं के बढ़ते हुए दामों पर अंकुश लगाना और बाजार में स्थिरता लाना है। इस घोषणा के बाद से गेहूं के भाव में 50 से 60 रुपए की कमी आई है जिससे किसानों और उपभोक्ताओं को कुछ राहत मिली है।

किसानों का बढ़ता उत्साह और उत्पादन

पिछले वर्षों में गेहूं के दामों में आई भारी तेजी के कारण किसानों ने इस वर्ष गेहूं की खेती का रकबा बढ़ाया है। इस वर्ष का मौसम भी गेहूं की खेती के लिए अनुकूल रहा है जिससे उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। इस वर्ष गेहूं का अनुमानित उत्पादन 1121 लाख मीट्रिक टन बताया जा रहा है जो कि पिछले वर्ष के 1090 लाख मीट्रिक टन से अधिक है।