100 रुपए के नोट पर छपा हुआ ये पहाड़ कहां पर है, जाने इसके पीछे की खास जानकारी

भारतीय रुपये का पूरा नियंत्रण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के हाथ में है। भारत में RBI की स्थापना 1935 में हुई थी और तब से यह भारतीय नोटस्फीति, बैंक नोटों की मुद्रण और नियंत्रण सहित वित्तीय सिस्टम की देखरेख कर रहा है।
 

भारतीय रुपये का पूरा नियंत्रण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के हाथ में है। भारत में RBI की स्थापना 1935 में हुई थी और तब से यह भारतीय नोटस्फीति, बैंक नोटों की मुद्रण और नियंत्रण सहित वित्तीय सिस्टम की देखरेख कर रहा है। हालांकि मध्यकाल सिक्कों का इतिहास से जुड़ा हुआ है और इसकी जड़ें कहीं अधिक पुरानी हैं।

भारतीय नोट अपनी डिज़ाइन और चित्रों के माध्यम से न केवल एक आर्थिक मूल्य संवाहक है बल्कि यह एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति का भी एक माध्यम है। इन नोटों पर दिखाए गए चित्र भारतीय गौरव और विरासत को व्यक्त करते हैं और इसे वैश्विक स्तर पर एक अनूठी पहचान प्रदान करते हैं।

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भारतीय नोटों पर गांधी जी की तस्वीर 

भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर 1969 में छपना शुरू हुई। जो उनकी 100वीं जयंती के अवसर पर किया गया था। इससे पहले भारतीय नोटों पर अशोक स्तंभ की छवि हुआ करती थी।

महात्मा गांधी की तस्वीर नोटों पर छापने करने का निर्णय उनकी वैश्विक पहचान और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए किया गया था।

कंचनजंघा एक ऐतिहासिक पहाड़ी 

पुराने ₹100 के नोट पर मुद्रित कंचनजंघा की तस्वीर एक रोचक कहानी समेटे हुए है। कंचनजंघा जो विश्व का तीसरा सबसे ऊंचा पर्वत है। उसकी फोटो सिक्किम के पेलिंग से ली गई थी। इस पर्वत की ऊंचाई 8,586 मीटर है और यह हिमालय पर्वत श्रृंखला का हिस्सा है।

यह फोटो न केवल भारतीय नोट पर भारतीय प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाती है बल्कि इसके चयन में भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व भी शामिल है।

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अन्य नोटों पर फोटो का महत्व

भारतीय नोटों पर छपी अन्य छवियाँ भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं जितनी कि महात्मा गांधी की फोटो का है। इन तस्वीरों में भारतीय संस्कृति, इतिहास और प्राकृतिक विरासत की झलक मिलती है।

जैसे कि अशोक स्तंभ, सांची का स्तूप और अन्य महत्वपूर्ण धरोहर स्थल। ये चित्र न केवल नोट को एक विशेष पहचान प्रदान करते हैं। बल्कि यह भारत के विविधतापूर्ण और समृद्ध इतिहास को भी प्रदर्शित करते हैं।