हरम में बादशाह के साथ कौनसी रानी रात बिताएगी कैसे होता था तय, पूरी रात मुगल हरम से आती थी आवाजे

मुगल साम्राज्य भारतीय इतिहास का एक ऐसा अध्याय जिसकी चमक आज भी उतनी ही तेज है। इस साम्राज्य की स्थापना से लेकर इसके पतन तक के सफर में अनेकों कहानियां और किस्से हैं जो समय-समय पर चर्चा का विषय...
 

मुगल साम्राज्य भारतीय इतिहास का एक ऐसा अध्याय जिसकी चमक आज भी उतनी ही तेज है। इस साम्राज्य की स्थापना से लेकर इसके पतन तक के सफर में अनेकों कहानियां और किस्से हैं जो समय-समय पर चर्चा का विषय बनते रहे हैं।

इन्हीं में से एक है मुगल हरम का विवादित किस्सा। मुगल हरम की कहानियाँ और किस्से भारतीय इतिहास के उन पन्नों में से एक हैं, जो आज भी हमें चकित करते हैं। इनमें समृद्धि और वैभव के साथ-साथ संघर्ष और दुख की कहानियां भी समाहित हैं।

हरम का जीवन न केवल बादशाहों की शाही जिंदगी को दर्शाता है बल्कि उन कनीजों की कहानियों को भी बयान करता है, जिनका जीवन इस शाही चकाचौंध के पीछे गुमनाम हो गया।

मुगल हरम की गोपनीयता और रक्षा

मुगल हरम जिसमें हजारों महिलाएं और कनीजें रहती थीं, एक गोपनीय और कड़ी सुरक्षा वाला क्षेत्र था। यहां केवल बादशाह ही प्रवेश कर सकता था और अन्य किसी पुरुष का आना सख्त मना था। इस हरम की रखवाली के लिए किन्नरों की नियुक्ति की जाती थी, जिन्हें इस कार्य के लिए अच्छा खासा वेतन भी मिलता था।

हरम का दैनिक जीवन

हरम में रहने वाली महिलाएं और कनीजें बादशाह की सेवा में तत्पर रहती थीं। यहाँ बादशाह अपनी थकान मिटाने और मनोरंजन के लिए आया करते थे। शारीरिक मालिश से लेकर नाच-गाने और मदिरापान तक सभी प्रकार के मनोरंजन हरम में उपलब्ध होते थे।

बादशाहों की अय्याशी का केंद्र

मुगल हरम को अक्सर बादशाहों की अय्याशी का अड्डा माना जाता था। यहां की सभी गतिविधियां बादशाह के मनोरंजन और आराम के लिए होती थीं। यहाँ बादशाह जिस कनीज के साथ सोना चाहते थे, उसका चुनाव वह खुद करते थे। ऐसा कहा जाता है कि हरम में रहने वाली कनीजों को काफी अधिक पैसे दिए जाते थे।

कनीजों की दुर्दशा

हालांकि हरम की चकाचौंध के पीछे कनीजों की जिंदगी कई बार कठिनाईयों से भरी होती थी। कई बार यदि बादशाह किसी कनीज को बेहद पसंद कर लेते थे, तो इससे उत्पन्न ईर्ष्या के कारण उस कनीज को उसकी जान से हाथ धोना पड़ता था। रानियां और अन्य उच्च पदस्थ महिलाएं कभी-कभी ऐसी कनीजों को सजा के रूप में मौत की नींद सुला देती थीं।