हवाई जहाज की विंडो इतनी छोटी क्यों होती है, जाने गोलाकार ही क्यों होती है विंडो

विमान यात्रा के दौरान अक्सर यात्री बड़ी खिड़कियों की कामना करते हैं ताकि वे बाहर के नजारों का बेहतर आनंद उठा सकें। हालांकि विमान की खिड़कियां छोटी और गोल होती हैं जिसके पीछे कई तकनीकी और सुरक्षा संबंधी कारण हैं।
 

विमान यात्रा के दौरान अक्सर यात्री बड़ी खिड़कियों की कामना करते हैं ताकि वे बाहर के नजारों का बेहतर आनंद उठा सकें। हालांकि विमान की खिड़कियां छोटी और गोल होती हैं जिसके पीछे कई तकनीकी और सुरक्षा संबंधी कारण हैं। खिड़कियों का छोटा आकार विमान की संरचनात्मक मजबूती को बढ़ाता है। इससे विमान के धड़ पर पड़ने वाले दबाव का बेहतर सामना किया जा सकता है और पक्षियों के टकराव या अन्य वस्तुओं के हमले से उत्पन्न नुकसान को कम किया जा सकता है।

खिड़कियों के डिज़ाइन में विज्ञान

Simpleflying के अनुसार यदि खिड़कियों को बड़ा किया जाए तो यह विमान के ढांचे को कमजोर कर सकता है और हवा के सुचारू प्रवाह को बाधित कर सकता है जिससे खिंचाव बढ़ेगा और दक्षता में कमी आएगी। छोटी खिड़कियां इस प्रकार डिजाइन की जाती हैं कि वे विमान के केबिन के दबाव को उच्च रख सकें जिससे यात्री सुरक्षित और आरामदायक यात्रा कर सकें। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे आधुनिक विमानों में थोड़ी बड़ी खिड़कियां दी गई हैं जो अधिक प्राकृतिक रोशनी और बेहतर दृश्य देखने को मिल सके।

गोल खिड़कियों का वैज्ञानिक महत्व

खिड़कियों को गोल आकार देने का मुख्य कारण यह है कि गोल आकार विमान पर दबाव को समान रूप से वितरित करता है जिससे दबाव संबंधी किसी भी तरह के संकट से बचा जा सकता है। शुरुआती विमान डिजाइनों में स्क्वायर या आयताकार खिड़कियां हुआ करती थीं जिनके कारण 1940 के दशक में कुछ दुर्घटनाएँ भी हुई थीं। तब से खिड़कियों को गोल बनाने का प्रचलन शुरू हुआ जो आज भी जारी है।

आधुनिक विमानों में नई तकनीक और सुधार

हालांकि विमानों की खिड़कियां अभी भी छोटी होती हैं, लेकिन वैज्ञानिक शोध और तकनीकी विकास के साथ उनके आकार और डिज़ाइन में सुधार हो रहा है। बड़ी खिड़कियां देने वाले विमान यात्रियों को अधिक आरामदायक और मनोरंजक यात्रा का अनुभव मिलता हैं। इस तरह के नई तकनीक से न केवल यात्रा का अनुभव बेहतर होता है बल्कि यात्री सुरक्षा में भी कोई समझौता नहीं किया जाता है।