बीमार होने पर ऊँटों को क्यों खिलाए जाते है जहरीले सांप, कारण जानकर तो आपको भी लगेगा झटका

सांपों की दुनिया विशेष रूप से अनोखी और विविधतापूर्ण होती है। इनमें से कुछ सांप बहुत कम जहरीले होते हैं जबकि कुछ जैसे कि किंग कोबरा अत्यंत जहरीले होते हैं और इनका जहर जानलेवा सिद्ध हो सकता है।
 

सांपों की दुनिया विशेष रूप से अनोखी और विविधतापूर्ण होती है। इनमें से कुछ सांप बहुत कम जहरीले होते हैं जबकि कुछ जैसे कि किंग कोबरा अत्यंत जहरीले होते हैं और इनका जहर जानलेवा सिद्ध हो सकता है। किंग कोबरा का नाम सुनते ही बहादुर से बहादुर व्यक्ति भी कांप उठते हैं क्योंकि इसकी एक बूंद जहर कई जानें ले सकती है।

यह मामला न केवल पशुपालन के पारंपरिक ज्ञान का उदाहरण है बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे परंपराएँ और आधुनिक विज्ञान कभी-कभी एक-दूसरे से टकरा सकती हैं। आज भी इस तरह के प्रथाओं का अध्ययन और उनकी समझ विकसित करना विज्ञान के लिए एक चुनौती है।

ऊंटों को खिलाया जाता है जिंदा कोबरा

आश्चर्यजनक रूप से रेगिस्तानी इलाकों में ऊंटों को उनकी एक विशेष बीमारी जिसे हयाम कहते हैं से बचाने के लिए जिंदा कोबरा सांप खिलाया जाता है। यह प्रथा सुनने में जितनी अजीब लगती है उतनी ही दिलचस्प भी है।

ऊंटों को इस तरह का जोखिम भरा आहार देने के पीछे का तर्क यह है कि इससे उनकी बीमारी का इलाज होता है और वे इससे उबर जाते हैं।

जिंदा कोबरा का असाधारण उपयोग

इस चिकित्सा प्रक्रिया में ऊंट का मुंह खोलकर उसमें सीधे जिंदा कोबरा डाल दिया जाता है और फिर मुंह में पानी डाला जाता है। इस प्रक्रिया से कोबरा ऊंट के पेट में चला जाता है और बीमारी के लक्षणों को कम करता है।

यह परंपरागत उपचार राजस्थान में कई जगहों पर अभी भी प्रचलित है जहाँ ऊंट मुख्य यातायात का साधन हैं और कृषि कार्य में भी उपयोगी हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण और चिकित्सा सिद्धांत

हालांकि यह प्रथा अत्यंत दिलचस्प है वैज्ञानिक समुदाय अभी तक इस परंपरागत चिकित्सा के पीछे के वैज्ञानिक तथ्यों को पूरी तरह से समझ नहीं पाया है। पशुचिकित्सक अक्सर कहते हैं कि ऊंटों में यह रोग विशेष प्रकार के कीटों के काटने से होता है और जहरीले सांपों को खिलाना एक प्राचीन मिथक माना जाता है।